- इस पवित्र माहे रमज़ान में होने वाली तरावीह की विशेष़ नमाज भी आज से ही पढ़ी जाएगी
अक्कू रिजवी/ कांकेर : मुस्लिम आबादी में एक माह की रमज़ान माह की इबादत की सभी तैयारियां हो चुकी हैं । अगर आज चांद दिख जाए तो कल से पहला रोज़ा हो जाएगा। कुछ दिनों से लगातार बदली का मौसम चल रहा है, इसलिए लोगों को बहुत उम्मीद नहीं है कि चांद दिखेगा। ऐसी स्थिति में 14 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा। दुनिया के अनेक धर्मों के कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होते हैं , इस्लामी कैलेंडर भी चांद के मुताबिक चलता है, इसीलिए विभिन्न स्थानों में एक साथ चांद नहीं दिखने के कारण हर साल रमजान महीने के प्रारंभ तथा ईद उल फ़ितर की तिथियों में अंतर आ जाता है। आज जहां जहां स्थानीय चंद्र दर्शन हो जाएगा, वहां वहां आज ही रात से महीने भर चलने वाली तरावीह की खास नमाज़ भी शुरू हो जाएगी । चांद का दीदार नहीं होने पर तरावीह की विशेष नमाज़ कल रात्रि से तो शुरू हो ही जाएगी। इसके बाद इबादत का पवित्र महीना रमज़ान शुरू हो जाएगा जो 29 अथवा 30 दिनों तक चलेगा और एक बार फिर चांद का दीदार होने पर अगले दिन ईद उल फ़ितर का पवित्र त्यौहार मनाया जाएगा। पिछले वर्ष सारा रमजान महीना लॉकडाउन के साए में आ गया था, जिसकी वजह से लोगों ने अपने अपने घरों में ही तरावीह की नमाज़ अदा की थी और घर पर ही ईद मनाई थी। इस वर्ष अभी तक लॉक डाउन बस्तर अंचल के जिलों में तो नहीं है किंतु महीने भर कोरोनावायरस संक्रमण हेतु सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन तो सभी के द्वारा ज़रूर किया जाएगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सबसे छोटा रोजा पहला रोजा होगा जो लगभग 14 घंटे का होगा और सबसे बड़ा रोजा 14 घंटे 40 मिनट का होगा जो रमजान माह की अंतिम तारीख पर होगा। इसकी वजह यह है कि रोजे का समय सूर्योदय से काफी पहले आरंभ होकर सूर्यास्त तक चलता है और अब गर्मी के दिन आने के कारण प्रतिदिन समय एक डेढ़ मिनट बढ़ जाता है।