प्रांतीय वॉच

दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच में छपे खबर का दिखा असर, जांच में जुटे अधिकारी, किन्तु कार्रवाई के नाम पर अब भी कर रहे दिखावा

ग्राम कटगी निवासी गुलज़ारी लाल पिता लुरसाय देवांगन की खसरा नंबर 1322 रकबा 0.60 डिसमिल भूमि का सबूत मुहैया कराने के बाद अधिकारियों का छूट रहा पसीना
वास्तविक भू स्वामी अपने ही जमीन को पाने सबूतों के साथ दर दर भटक रहा, फिर भी नहीं मिल रहा न्याय
तत्कालीन पटवारी की गलती पर पर्दा डालने वर्तमान पटवारी बार बार नंबर बदलकर कर रहा गलती
विवादित जमीन पर कर रहे निर्माण पर लगी रोक को हटाने का नायब तहसीलदार का निर्णय किसी अनहोनी का बन सकता है कारण
पुरुषोत्तम कैवर्त /कसडोल : कुछ दिन पहले ग्राम कटगी निवासी गुलज़ारी लाल पिता लूरसाय का जमीन अपनी जगह से गायब होने संबंधी समाचार दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच ने प्रमुखता से छापा था, उसके बाद से ही अधिकारी मामले की जांच में जुटे दिख रहे हैं, किन्तु जितनी गंभीरता होनी चाहिए उतना दिखाई नहीं पड़ रहा है। आवेदक गुलज़ारी लाल ने राजस्व विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने ही जमीन को साबित करने हमे ही हर एक सबूत जुटाना पड़ रहा है। इस तरह तत्कालीन पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार द्वारा किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की मिलीभगत से साजिश कर हमारे जमीन को लावारिस मानकर दूसरे की जमीन में मिलाकर जबरदस्ती रकबा बढ़ाया गया फिर रजिस्ट्री की गई। इसी का खामियाजा हमारा परिवार आज तक भुगत रहा है। अब जबकि किसी तरह अपनी जमीन का वास्तविक नक्शा एवं परिवर्तित नंबर जुटा लिया गया तब भी उनके जमीन का सीमांकन करने अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे हैं। यही कारण है कि आवेदक द्वारा जुटाए सबूत को पर्याप्त न मानकर सीमांकन करने से इंकार किया जा रहा है। यह इस बात का सबूत है कि जांच टीम नायब तहसीलदार श्रीधर पंडा द्वारा स्वयं गठित की गई और जांच टीम का रिपोर्ट आए बिना ही विवादित जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य पर अपने ही लगाए रोक को दिनांक 09/04/2021 को स्वयं हटा दिया। रोक हटने से अनावेदक श्रीमती दिनेश नंदिनी पति मेलाराम साहू द्वारा विवादित भूमि पर पुन: निर्माण कार्य शरू कर दिए जाने से आवेदक गुलज़ारी लाल देवांगन ने भी निर्माण कार्य शुरू करने चुना से चिन्हित किया जा रहा था। इससे दोनों पक्ष में विवाद शुरू हो गया। जब तक विवाद किसी अनहोनी घटना को जन्म देता उससे पहले वहां पुलिस पहुंच गए और दोनों पक्षों को पुलिस थाना कसडोल बुलाए गए तथा जब तक विवादित जमीन का फैसला नहीं हो जाता किसी भी पक्ष को निर्माण कार्य नहीं करने की समझाइश देकर विवाद शांत किया गया।अन्यथा नायब तहसीलदार के द्वारा रोक हटाए जाने के गलत निर्णय से बड़ी अनहोनी घटना हो सकता था। आखिर नायब तहसीलदार की क्या मजबूरी थी कि अपने द्वारा गठित किए गए जांच टीम के जांच रिपोर्ट का इंतजार नहीं किया गया और जान बूझकर विवादित जमीन पर अपने ही लगाए रोक को हटा दिया गया। यह समझ से परे है।
आवेदक को डराया गया शर्त के नाम पर
आवेदक गुलज़ारी लाल देवांगन ने बताया कि उन्हें उनका जमीन साबित नहीं होने पर अनावेदक श्रीमती दिनेश नदिनी पति मेलाराम साहू को क्षति पूर्ति रूप में 50,000/रूपए देने का शर्त अनावेदक अधिवक्ता द्वारा माननीय नायब तहसीलदार के समक्ष रखकर डराने का प्रयास किया गया, जबकि अनावेदक को केवल भूमि छोडने कहा गया जो कि यह भी गलत है। क्योंकि आवेदक की भूमि साबित होने पर अपने ही भूमि वापस पाने में लगे खर्च का जिम्मेदार कौन होगा? इस पर कोई बात नहीं की गई।
इस गरीब भूस्वामी का वर्तमान अधिकारी भी सहयोग करते नहीं दिख रहे हैं क्योंकि यदि अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते तो मामले का संज्ञान में आते ही पहले तो रिकार्ड जांच करते कि गलती कब, कैसे और किसके द्वारा की गई है। उसके बाद दोसियो पर कार्रवाई करते किंतु ऐसा न कर सारा सबूत आवेदक से मांगा जा रहा है। किसी तरह आवेदक ने सबूत जुटा लिया उसे उपयुक्त न मानकर रायपुर से सबूत लाने और जांच करने टीम गठित किया गया और टीम का जांच रिपोर्ट आया नहीं कि निर्माण पर लगाए अपने ही रोक को हटा दिया गया जो अनेक संदेह को जन्म देता है।
 गौर करने वाली बात यह है कि एक ही जमीन का नंबर अलग अलग नक्शा में बार बार बदल रहा है। जो मामला को और पेचीदा बना रहा है। इस नंबर बदलने का काम वर्तमान पटवारी द्वारा किया जा रहा है। इस तरह तत्कालीन पटवारी द्वारा किए गए गलती पर पर्दा का प्रयास वर्तमान पटवारी द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए वर्तमान पटवारी फागुलाल साहू पर भी अपराध कायम किया जाना चाहिए।
इस संबंध में पूछने पर जिम्मेदार अधिकारी गोल मोल जवाब देते हुए अपना पल्ला झाड़ते हैं और दूसरे पर दोष मढ़ते नजर आते हैं। खास बात यह है कि इनकी लापरवाही से वास्तविक भू स्वामी को दर दर की ठोकरें खाने मजबूर होना पड़ रहा है।
पूरा मामला इस प्रकार है- ग्राम कटगी निवासी गुलज़ारी लाल पिता लूरसाय देवांगन ने हमारे प्रतिनिधि से बताया कि उनका जमीन वर्तमान में गायब हो गया है, जिसका पता राजस्व विभाग के अधिकारी – कर्मचारी भी नहीं बता पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी, बड़े पिताजी महेत्तर एवं झाड़ू राम के पूर्वज उदेराम कोष्टा ने हरदियाल सिंह से खसरा नंबर 1322 रकबा 0.60 डिसमिल भूमि खरीदा था जो अब तक उनके नाम पर दर्ज होते चला आ रहा है। इसी जमीन को महेत्तर एवं झाड़ूराम ने पिता जी की देखभाल करने छोटे भाई लूरसाय को दिए थे।वर्ष 1960 – 61 में गांव में चकबंदी हुआ था, जिसमे खसरा नंबर बदल गया है। जिसकी जानकारी उन्हें नहीं है। जमीन को जानता है किन्तु नंबर पता नहीं है उस जमीन का नंबर जानने कई बार अलग अलग जगह से नक्शा खसरा एवं बी वन निकाला किन्तु सभी नक्शा में अलग अलग नंबर दिखाए जाने से काफी परेशान हो रहा है। तब कहीं आवेदक गुलज़ारी लाल देवांगन द्वारा दिनांक 10/03/2021 को माननीय तहसीलदार कसडोल के पास खसरा नंबर 1322 का परिवर्तित नंबर जानने आवेदन किया गया था, किन्तु नहीं बताया गया।
आवेदक गुलज़ारी लाल के अनुसार उन्होंने दिनांक 24/02/2021 को विशेष भू – मापन हेतु भू अधीक्षक बलौदाबाजार को भी आवेदन किया था जिसमें तत्कालीन पटवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्राम सरवा निवासी श्रीमती दिनेश नंदिनी पति मेलाराम साहू द्वारा ग्राम कटगी स्थित खसरा नंबर 1554 एवं 1555 रकबा क्रमश: 0.279 हे. एवं 0.582 हे. को रजिस्ट्री बैनामा के माध्यम से दिनांक09/12/2014 को क्रय किया गया। रजिस्ट्री बैनामा के साथ संलग्न नक्शा के अनुसार खसरा नंबर 1554 एवं 1555 एक दूसरे से सटे हुए आजू बाजू में लगी भूमि है। जिसके आस पास लक्ष्मी नारायण जायसवाल, गुलज़ारी लाल की भूमि है। पूर्व रिकार्ड के अनुसार खसरा नंबर 1555 का रकबा 0.522 हे. ही है, जिसे 582 बढ़ाया गया है । तत्कालीन पटवारी द्वारा नक्शा में खाली पड़े स्थान को खसरा नंबर 1554 बताकर श्रीमती दिनेश नंदिनी पति मेलाराम साहू का कब्जा कराया गया है। वर्तमान पटवारी उसी जमीन को कभी 1554 बताता है तो कभी 1555 बताता है।जबकि गुलज़ारी लाल उक्त भूमि पर अपने पूर्वजों के समय से काबिज है। जिसने माननीय तहसीलदार कसडोल के समक्ष नक्शा में दिए गए गलत प्रविष्टि के सुधार हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है। साथ ही श्रीमती दिनेश नंदिनी साहू द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने बाबत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर नायब तहसीलदार श्रीधर पंडा द्वारा मौके पर जाकर श्रीमती दिनेश नंदिनी का जमीन बताकर निर्माण कार्य कराने का निर्देश दिया था, आवेदक द्वारा पुन: भू अभिलेख बलौदाबाजार जिला शाखा से सन 1929 _30 में हुए बंदोबस्त चकबंदी के री_नंबरिंग के परिवर्तित नंबर भी प्राप्त कर लिया जिसके अनुसार खसरा नंबर 1322 का परिवर्तित नंबर 1581 है। इस जानकारी के साथ     अनावेदक द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्य पर रोक लगाने पुन: आवेदन किया गया। तब नायब तहसीलदार श्रीधर पंडा ने पुन: निर्माण पर रोक लगाए और जांच टीम गठित की, जिन्हें सन 1960_61 में हुए बंदोबस्त चकबंदी के परिवर्तित नंबर की जानकारी रायपुर से करने का जिम्मा सौंपा, किन्तु दिनांक 09/04/2021 को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही निर्माण पर लगे रोक को हटाकर अप्रिय घटना को जन्म देने का काम किया है। दिनांक 10/04/2021 का विवाद उसी का नतीजा है। जिसे थानेदार ने सुलझाया।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्व विभाग पर किसानों के रखवाली का जिम्मा होता है। वहीं किसानों का किस तरह नुकसान पहुंचाया करते हैं। जिससे अपने ही जमीन को साबित करने किसानों को दफ्तरों का चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ता है।ऐसे मामलों पर गंभीरता पूर्वक जांच कर साजिश रचने वालों पर कड़ी कार्रवाई शासन के उच्चाधिकारियों को करना चाहिए।
नायब तहसीलदार श्रीधर पंडा से इस मामले पर जानकारी लेने मो.नंबर 7389611559 पर संपर्क
पर पहुंच से बाहर बताने से बात नहीं हो सका।

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