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वन चरौदा और बैहार गौठान की तरह विकसित होगा संबलपुरी गौठान : आशुतोष पांडेय

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  • संबलपुरी गौठान बन रहा गौधन न्याय का केंद्र-नोडल अधिकारी
आषीस जायसवाल / रायगढ : रायगढ़ जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडे द्वारा शहरी गठान संबलपुरी को व्यवस्थित और रोजगार मूलक बनाने लगातार प्रयास जारी है 19 एकड़ में बसे संबलपुरी गौठान को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जनवरी माह में शुभारंभ किया गया तब से आज तक की स्थिति में बहुत परिवर्तन भी आया है गायों की संख्या बढ़ गई ,चारा, पानी, शेड आदि की व्यवस्था भी बड़ी अब गोधन न्याय योजना को साकार करने वहां वर्मी कंपोस्ट शेड की तैयारी तीव्र गति से चल रही है निगमायुक्त ने संबलपुरी गौठान को और अधिक व्यवस्थित सौंदर्य और महिलाओं हेतु रोजगार मूलक बनाने राज्य अंतर्गत वन चरौदा गौठान एवं बैहार गौठान जो आरंग के पास स्थित है वहां की व्यवस्था सुविधाओं एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं के कार्य एवं खाद उत्पादन बाड़ी से प्राप्त सब्जियों के उत्पादन आदि की जानकारी प्राप्त कर रायगढ़ के गौठान विकास हेतु आयुक्त आशुतोष पांडेय नगर निगम रायगढ़ से गौठान के नोडल अधिकारी धर्मेंद्र पांडेय गौठान समिति गौ माता मित्र समिति के संचालक  शिवराज साहू एवं जनसंपर्क अधिकारी दीपक आचार्य को गोठान निरीक्षण के लिए एक दिवसीय ट्रेनिंग एवं निरीक्षण में भेजा गया वहां से उपयोगी जानकारी एवं ट्रेनिंग लेकर पहुंचे। विभाग के स्थापना अधिकारी एवं गौठान के नोडल अधिकारी धर्मेंद्र पांडेय ने बताया कि रायगढ़ संबलपुरी गौठान और वन चरोदा तथा बैहार गौठान में हमें मुख्य अंतर यह नजर आया कि संबलपुरी में गौठान अंतर्गत गौ अभ्यारण की तरह रखे गए हैं जिनका देखभाल लालन पोषण में समय साधन संसाधन और खर्च है जबकि वन चरौदा  बैहार गौठान में गाय केवल चरागाह की तरह चरने आते हैं वहां गोबर खरीदी कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाया जा रहा है और यहां सेड बनाने के बाद खाद बनाना आसान हो जाएगा अगरबत्ती साबुन आदि बनाने की मशीन को वहां पंचायत द्वारा दिया गया है यहां भी पूर्ण व्यवस्थापन के बाद मशीनों से सामग्री बनाना संभव है वहां नेपियर घास की पैदावार अत्यधिक मात्रा में की गई है जिससे कम खर्च में कई सेड बनाए गए हैं केवल बांस बल्ली का खर्च लगा है मुर्गी पालन के साथ मछली पालन भी रोजगार और आय उपलब्ध करा रहे हैं वहां पैरा दान में भी मिल रहा है जो चारा में बहुत ही सहायक है पक्की टंकियों से ज्यादा लोवेस्ट की टंकिया बनी है जिसमें केंचुआ डालकर खाद बनाया जा रहा है मैहर में गौठान ढाबा भी बनाया गया है जहां लोग भोजन कर सकते हैं हमने वहां देखा कि महिलाएं सेवा भाव के साथ कार्यों को कर रही हैं उनके आय के स्रोत में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है संबलपुरी गौठान भी गौअभ्यारण के साथ बहुत जल्द गोधन न्याय योजना का केंद्र बनेगा।
बैहार गौठान के मनरेगा शाखा तकनीकी सहायक मुकेश कुमार ने बताया कि बैहर गौठान 22 एकड़ में फैला है जिसमें 3 एकड़ में गौठान 5 एकड़ में बाड़ी ढाई एकड़ में तालाब,बचा हुआ एरिया चारागाह के रूप में है जिसमें नेपियर घास लगाया गया है फलदार वृक्ष भी लगाए गए हैं जहां भु वर्मी ,पक्का वर्मी साथ ही वर्मी बेड उपलब्ध है जहां गौ धन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी होती है अब तक यहां 99 क्विंटल गोबर खाद बनाया गया है और लगभग 58 क्विंटल विक्रय किया जा चुका है खाद बनाने का कार्य कृषि विभाग के सहयोग से एन आर एल एम के तहत स्व सहायता समूह की महिलाएं करती हैं। जीविकोपार्जन हेतु महिलाओं को अलग-अलग एक्टिविटी दी गई है जैसे बाड़ी 5 एकड़ है अलग-अलग समूह को एरिया वाइज दिया गया है विभिन्न प्रकार के सब्जियों की खेती करते हैं साथ ही,, अगरबत्ती साबुन बनाने की मशीन सिलाई मशीन चैनलिंग फेनसिंग बनाने का कार्य भी महिलाएं करती हैं साथ में मशरूम की गतिविधियां भी हैं जो अलग-अलग समूह को अलाट है जिससे उनकी आजीविका चलती है यहां गाय 350 के लगभग गांव से आती है एवं आवारा डेढ़ सौ लगभग जिसमें से अभी बरसात और ठंड में रोज आती हैं और यहां चारा चरकर  पुनः अपने घर जाती हैं क्योंकि यहां का एरिया एक फसली है अभी बहुत सारे खेत खुले हैं वहां भी गायों को छोड़ा जाता है खेती के समय में फिर से गाय गोठान में चरने आती हैं। नगर निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने बताया कि वन चरौदा और बैहार गौठान आज विकसित गौठान बन चुके है वहां की तमाम टेक्नालॉजी और सुविधाओं तथा महिलाओं के जीविकोपार्जन में सार्थक सिध्द होने वाली जानकारियों को लेकर निगम की टीम एक दिवसीय दौरे से लौटी है,निश्चित ही हम वहां के तरीको को अपनाकर संबलपुरी गौठान को विकसित करने में सफलता हासिल करेंगे,महिलाओं के रोजगार मुलक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर रूपरेखा बनायेगे साथ ही वर्मी कम्पोष्ट खाद बनाने कार्य गतिमान है जल्द ही गौधन न्याय योजना यहाँ भी आरंभ हो जाएगी और संबलपुरी गौठान बन जायेगा गौधन न्याय का केंद्र।
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