दिलहरण चंद्रा/ जैजैपुर : समीपस्थ ग्राम मुक्ता पंचायत में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ , जिसमें ग्राम के सैकड़ों महिलाओं एवं श्रद्धालुओं ने कलश धारण कर भजन कीर्तन एवं जय कारा के साथ ग्राम के मुख्य मार्गों का भ्रमण करते हुए जलाशय से जल भर कर वरुण देवता का पूजन किया l कथा स्थल पर आचार्यों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ देवताओं की पूजा अर्चना कराई गई l यज्ञ के प्रथम दिन व्यासपीठ से भागवत कथा मर्मज्ञ आचार्य राजेंद्र जी महाराज के द्वारा भागवत महात्म्य का वर्णन करते हुए बताया गया कि श्रीमद् भागवत एक अध्यात्म दीप है जो साक्षात भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी का वांग्मय स्वरूप है , चार वेद छह शास्त्र और सभी पुराणों का सार है जो देवताओं को भी दुर्लभ है क्योंकि आज तक किसी भी देवलोक में भागवत रूपी सत्कर्म नहीं हुआ है जबकि धरती में रहने वाले मनुष्यों को यह परम सौभाग्य वश जन्म जन्मांतर के अर्जित पुण्य के कारण सुलभ हो जाता है l वेद रूपी कल्पवृक्ष पर श्रीमद् भागवत एक सुंदर फल के समान है जिसमें ना तो छिलका है और ना ही गुठली अर्थात त्यागने के लिए कुछ भी नहीं है l भागवत रस ही रस से भरा हुआ है जिसे पीने या आत्मसात करने के लिए प्रत्येक श्रोता को अधिकारी बन्ना होगा l आचार्य द्वारा भक्ति देवी के दोनों बेटों ज्ञान और वैराग्य पर भागवत की कृपा l प्रेत योनि में पड़े हुए धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति और श्रीमद्भागवत यज्ञ के नियम आज की जानकारी प्रदान की गई , उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य के जीवन में तीन चीजें बड़ी दुर्लभ है , मानवता , सत्संग एवं मुमुक्षु भाव l भागवत मृत्यु को मंगलमय बनाकर भावी जन्म भी सुधार देती है , केवल एक मात्र श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा ही ज्ञान यज्ञ के रूप में माना जाता है , हमारी संस्कृति भगवत परायण होने , नर से नारायण बनने की बात कहती है l घर परिवार में आध्यात्मिक वातावरण तैयार कर अपने घर को ही मंदिर बनाया जा सकता है l सभी श्रोताओं को सरस कथा व्याख्यान के साथ संकीर्तन का लाभ प्राप्त हो रहा है , इस अवसर पर रामसहाय यादव , नंदकुमार , रामकुमार , कीर्तनलाल , रामाधार , जयराम यादव , रामेश्वर प्रसाद , खिलावन यादव , यज्ञ के सभी पांच यजमान जोड़ियां , एवं अनेक श्रोता गण उपस्थित थे l श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के आयोजक यादव समाज द्वारा अधिकाधिक संख्या में कथा श्रवण करने का आग्रह किया गया हैl
मुक्ता मे श्रीमद् भागवत कथा भव्य कलश यात्रा के साथ सुभारंम : आचार्य राजेन्द्र महराज

