प्रांतीय वॉच

अधिकारी का तबादला कर हो गयी खानापूर्ति, छ़ाल में करोड़ो के कोयला घोटाले का मामला

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विकास अग्रवाल/ खरसिया। एसईसीएल की छ़ाल खदान में अरसे से चल रहे कोयले की अफरा तफरी के मामले में सब एरिया मुकेश कुमार चौधरी और ड़िस्पैच मैनेजर दांड़ी का तबादला कर कार्यवाही की खानापूर्ति कर दी गयी, न तो उन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी न हीं रिकव्हरी की गयी, न ही संबंधित ट्रांसपोर्टर पर कोई कार्यवाही की गयी  जिससे एैसा प्रतीत होता है कि मामले को ठंड़े बस्ते में ड़ाल दिया गया है औरकरोड़ो के इस घोटाले के आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गयी है। विदित हो कि छ़ाल खदान में शिकायत मिलने पर पहुंची विजिलेंस की टीम ने छ़ापेमारी कर मौके पर माईनस 100 की जगह स्टीम कोयला लोड़ कर रहे बालाजी ट्रांसपोर्ट के लोड़र और ट्रेलरों को पकड़ा लेकिन करोड़ो से इस कालाबाजारी के मामाले में सिर्फ सब एरिया मुकेश कुमार चौधरी और ड़िस्पैच मैनेजर दांड़ी का तबादला कर दिया गया न तो उनपर रिकवरी निकाली गयी न ही एफआईआर ही दर्ज की गयी, यही नहीं संबंधित ट्रांसपोर्टर पर भी कोई कार्यवाही नही की गयी जिससे क्षेत्रवासियों में रोष है, इस मामले में युवा जनता कांग्रेस के संभाग अध्यक्ष नवल राठिया ने विज्ञप्ति जारी कर इस मामले में आरोपी सबएरिया मैनेजर, ड़िस्पेच मैनेजर सहित ट्रंसपोर्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है।

आशीष पटेल की हो जांच
सबएरिया के नाम पर प्रतिटन 100 रू. की वसूली करने वाला आशीष पटेल जो कि छ़ाल में ही कार्यरत है, की जांच भी होनी चाहिये, अगर आशीष पटेल के काॅल रिकार्ड की जांच की जाये तो इस मामले में और लोगों के हाथ होने के पुख्ता सूबूत जुटाये जा सकते है, यहां यह बताना लाजिमी होगा की आशीष पटेल के संबंध में शिकायत मिलने पर जीएम के द्वारा आशीष पटेल का तबादला कर दिया गया था, किंतु सबएरिया मुकेश चौधरी के द्वारा अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आशीष पटेल का स्थानांतरण रूकवाया गया था जिससे कि वो आशीष पटेल के माध्यम से अपनी अवैध वसूली जारी रख सके, उल्लेखनीय है कि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रोड़ सेल से हटाये जाने के बाद भी आषीश पटेल एक विशेष ट्रांसपोर्टर के कार्यालय में ही बैठकर अपने कार्य को अंजाम दिया करता था, जिसकी जांच कराये जाने पर पूरा मामला आईने की तरह साफ हो सकता है।

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