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शासन प्रशासन मस्त रहो मस्ती में, पीएमजीएसवाई की सड़क निर्माण में हो रहा खेल 

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  • बासागुड़ा से लिंगागिरी को जोड़ने वाली सड़क को ठेकेदार किसानों के खेत के मिट्टी से बना डाला । 
  • किसानों के खेत में एक मीटर चौड़ाई से लगभग 5 से 6 फीट गहरे गड्ढे हो गए ।  
सम्मैया पागे/ बीजापुर : बता देें कि इन दिनों ग्रामीण अंचलों में सड़कों का काम करने वाली शासकीय संस्था जिसका नाम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर जिले से छत्तीसगढ़ तक सुर्खियों में रहने वाला इन दिनों एक बार फिर विवादों के घेरे में है। ठेकेदार के घटिया काम को मौन सहमति देने से विभाग के अधिकारी विवादों में आ गए हैं। इस तरह विभाग और ठेकेदार ने मनमानी की सारी हदें पार कर दी है। हमेशा भ्रष्ट कार्यो को लेकर सुर्खियों में रहने वाला पीएमजीएसवाई सड़क बनाने में ऐसे-ऐसे कारनामे कर रहा हैं। जिन्हें सुन देखकर लोग हैरान हो जाएंगे। ग्रामीणों को पक्की सड़क की सौगात देने के लिए ‌शासन की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा बासागुड़ा से लिंगा गिरी को जोड़ने वाली सड़क में ठेकेदार की मनमानी किसानों को भारी पड़ गई है। शासन प्रशासन मस्त रहो मस्ती में , जिसके चलते 81 लाख 94 हजार रुपयों से बन रही तीन किमी की लंबाई सड़क पर मिट्टी बाहर से न लाकर ठेकेदार अपने फायदे के लिए सीधे किसानों के खेतों से मिट्टी खुदकर कर गुणवत्ता विहीन सड़क बना डाला। प्रारंभ में ठेकेदार द्वारा सड़क पर मिट्टी बिछाने का कार्य किया है। सड़क निर्माण के लिए मिट्टी का उठाव बीहड़ या अनुपयोगी भूमि से किया जाता है। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के चलते सड़क किनारे से लगे किसानों के खेतों से मिट्टी खनन कर सड़क बनाया। किसानो ने सड़क पर पहुंचकर खेतो का नजारा देखा तो उन्हें अपने खेतों का सूरत बदली हुई दिखी। उनके खेतों में लगभग 5 से 6 फीट की लंबाई में गहरे गड्ढे हुए। इतना ही नहीं सड़क किनारे गहरी खंती बना दी गई है। जिसके कारण बरसात के दिनों में बारिश का पानी खेतों में लबालब भर जाएगा। जहां से खेतों में जिस स्थान से मिट्टी खोदी गई है, वहां की उपजाऊ परत खत्म हो जाएगी। जिससे न केवल यह भूमि अनुपयोगी साबित होगी, बल्कि पूरी तरह से बंजर में तब्दील हो जाएगी। जिससे बरसात के दिनों में हादसे होने से हर सुरत में इन्कार नहीं किया जा सकता। सड़क बरसात से पूर्व बनकर तैयार नहीं हुई तो क्षेत्र के लोगों का मुख्य सडक तक पहुंचना व बासागुड़ा में लगने वाली सप्ताहिक बाजार से रोजमर्रा जीवन से जुड़े दैनिक उपयोगी समाग्री खरीदने आने में लोगों को बेहद मुश्किल का सामना करना होगा। ज्ञात हो कि सारा कंट्रक्शन से इस सड़क का काम पेटी ठेकेदार बलदेव सिंह लेकर कर रहे की कार्यशैली को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अधिकारी से सांठगांठ कर मार्च एकाउंट में बजट को खपाने के उद्देश्य से जानता के लाखों रुपयों को ठिकाने लगाने चंद दिनों में लीपापोती कर सड़क बना दिया है। गौतलब है कि ठेकेदार निम्न स्तर का मुरुम बामुश्किल से चार से पांच इंच मिट्टी के उपर से उड़ेल दिया। उस पर आज पर्यांत तक पानी डालकर रोलर से दबाया नहीं गया। ताकि बरसात के दिनों में सड़क से मुरुम मिट्टी बहकर न जा सके। अगर ऐसे ही हालात रही तो आने वाले बरसात के दिनों में निश्चित रूप से सडक किचड़ में तब्दील होकर लोगों के आवाजाही में परेशानी का सबब बन जायेगा। सड़क में भरती जा रही अनियमितता और किसानों के खेत से मिट्टी खोदकर सड़क बनाने के सिलसिले में मीडिया विभाग अधिकारी जितेंद्र मेश्राम के संज्ञान में लाने के बाद उन्होंने मीडिया को दिखाने के लिए ठेकेदार को फोन कर सड़क में हुई गड़बड़ी को तत्काल दुरुस्त करना बताकर एक महिना गुजर गया लेकिन अधिकारी के निर्देश का ठेकेदार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। क्योंकि विभाग के चौतरफ कमीशन खोरी का गोरख धंधा फल-फूलने का यह नतीजा हैं। सड़क बनाने से पहले ठेकेदार को किसानों के खेतों से मिट्टी की खुदाई नहीं करने का निर्देश एवं काम चलने के दौरान इंजीनियर को सड़क की गुणवत्ता देखने नहीं भेजा गया। मीडिया के इस सवाल पर उन्होंने कहा सड़क का कार्य शुरू होने से पहले स्वयं जाकर जगह का मुआयना कर लेआउट देकर ठेकेदार को किसानों के खेत से मिट्टी खुदाई नहीं करने का निर्देश दिया और आफिस में कर्मचारियों की कमी होने के कारण काम देखने इंजीनियर एकाद दिन जाने के बाद दुबारा नहीं जा सके। इस दरमियान मौके का फायदा उठाकर ठेकेदार जल्दी से सड़क का काम कर दिया। इससे सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि अधिकारी इंजीनियर काम देखने जाते रहे बावजूद इसके ठेकेदार ने किसानों के खेतों से मिट्टी और बगैर रॉयल्टी के जंगल से अवैध तरीके से मुक्त में मुरुम खनन कर प्रशासन के आंखों में धूल झोंककर सड़क काम में लीपापोती कर शासन को लाखों रुपयों का राजस्व आय का चूना लगाया। कहा जा सकता है कि अधिकारी इंजीनियर ठेकेदार की आपसी सहमति के चलते अपने फायदे के मंशा से घटिया काम को अंजाम दिया गया। अब जब एक महिने बाद मीडिया सडक में हुई गड़बड़ी को लेकर मुलाकात करने पर अधिकारी ने अपने सफाई में कहा जो हुआ सो गया। अभी सड़क का काम हुआ नहीं ठेकेदार को बोलकर खेतों में हुए गड्ढो को भरवा देंगे। बता दें कि इस पूरे काम में विभाग अधिकारी द्वारा जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बादी कर प्रशासन के आंखों में धूल झोंक दिया। मगर प्रशासन भी इस ओर ध्यानबद्घ नहीं है।
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