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कोरोना के बीच होली त्योहार मनाने कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश

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  • न तो डीजे बजेगी और न ही होंगे कोई सार्वजनिक कार्यक्रम
  • टोली में 10 से ज्यादा लोगों के घूमने पर प्रतिबंध
  • घर-परिवार में ही रहकर होली मनाने कलेक्टर ने की अपील
पुरुषोत्तम कैवर्त / कसडोल :  कोरोना संक्रमण की फिर से बढ़ती संख्या को देखते हुये कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सुनील कुमार जैन ने होली त्योहार मनाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जिसके अनुसार होली पर्व पर इस बार न तो किसी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम होंगे और न ही डीजे माईक का उपयोग किया जा सकेगा। घूमने-फिरने वालों की एक टोली में 10 से अधिक लोगों के रहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर ने बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर लोगों को अपने घर-परिवार के बीच रहकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से होली पर्व मनाने का आग्रह किया है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में होलिका दहन के लिए चयनित स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में मास्क, सैनिटाइजर सहित दो ग़ज़ की दूरी का पालन किया जाना चाहिए। अन्यथा कार्यक्रम आयोजक अथवा समिति प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। होलिका दहन के लिए ऐसे स्थलों का चयन किया जाए कि उनके ऊपर बिजली के तार न हों। रंग-गुलाल और पिचकारी दुकानों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, नहीं तो दुकानदार और खरीदार दोनों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई होगी। निजी निवास में आयोजित होली मिलन कार्यक्रम में भी कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पालन करना होगा। होली के दिन शराब पीकर गाड़ी चलाने और दुपहिया वाहन में तीन सवारी बैठने पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाने और जोर की आवाज़ वाले साइलेंसर युक्त वाहन का पीछा कर तत्काल जब्त किए जाएंगे। ध्वनि विस्तारक यन्त्रों के इस्तेमाल में भी एनजीटी, माननीय सुप्रीम कोर्ट, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम सहित राज्य सरकार के अन्य नियमों का पालन करना होगा। कलेक्टर ने पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को देखते हुए जनसाधरण से अपने-अपने घरों पर ही रहकर होली मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि होली में कम से कम पानी और लकड़ी का उपयोग किया जाए। हरे-भरे वृक्षों की कटाई न किया जाये। परंपरागत वाद्य यंत्रों एवं नगाड़ा का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन कानफोड़ू डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी ।  उन्होंने पुलिस और सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट्स को सख्त पहरा देते हुए उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और कराने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना की रोकथाम में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका : कलेक्टर
प्रत्येक गांव और घर से शिक्षकों का लगाव होता है। बच्चे और उनके माता-पिता और बुजुर्गों के मन में शिक्षकों के प्रति काफी सम्मान का भाव होता है। लिहाजा शिक्षक कोरोना महामारी को रोकने और खत्म करने में काफी मददगार होंगे। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के सभी शिक्षकों को स्वयं कोरोना की जांच कराने और टीका लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इससे गांव में एक सकारात्मक वातावरण तैयार होगा और ज्यादा से ज्यादा लोग प्रेरित होकर कोरोना की जांच/टीका के लिए सामने आएंगे। कलेक्टर ने शिक्षा कार्य से जुड़े अधिकारियों और शिक्षकों को समाज में उनका रोल याद दिलाते हुए कोरोना की लड़ाई में समाज का नेतृत्व करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है। जरा सी लापरवाही जीवन को संकट में डाल सकती है। समाज में गुरुओं की महती भूमिका बताने की जरूरत नहीं है। आपके द्वारा ही दी गई शिक्षा और मार्गदर्शन के बदौलत देश मे  जिम्मेदार नागरिक, सभ्य समाज,राजनेता और अधिकारी बनते हैं। आप लोगों का समाज मे सम्पर्क और दायरा काफी व्यापक है। कलेक्टर ने कहा है कि जिला प्रशासन के मुखिया होने के नाते आप सभी से मेरा आग्रह है कि अपने निकट स्थित स्वास्थ्य केन्द्रों पर जरूर जांच कराएं। आप अपने साथ गांव के लोगों को भी साथ लेकर जाएं। कलेक्टर ने कहा राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की गति थमने पर नवमीं से 12 वीं तक की कक्षाएं चालू किये हैं। स्कूल आने वाले बच्चों का भी कोरोना जांच कराया जा सकता है। विभाग के ऐसे शिक्षक एवं कर्मचारी जिनकी उम्र 45 से लेकर 59 साल के बीच का है और वे बीपी, शुगर, दिल की बीमारी, हाइपर टेंशन आदि से ग्रसित हैं, उनका टीका समीप के पीएचसी अथवा उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगवाकर समाज के लिए मिसाल बन सकते हैं। 60 वर्ष अथवा इससे ज्यादा उम्र के सभी लोग इन केन्द्रों पर टीका लगवा सकते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों पर ये टीका मुफ्त में लगाये जा रहे हैं। आप लोगों की प्रेरणा से ही पूरा समाज कोरोना की लड़ाई में भागीदार बनेगा और जिले को हम कोरोना मुक्त और स्वस्थ जिला बना पाएंगे। उन्होंने कहा है कि जब तक कोरोना का समूल नाश न हो जाये तब तक सभी को  मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल और दो ग़ज़ की फिजिकल दूरी के नियमों का पालन करते रहना है।
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