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किस्सा कोताह वार्षिकोत्सव में मोहनयश फाउंडेशन छत्तीसगढ़ को मिला सम्मान

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कमलेश रजक/ मुंडा : ग्वालियर से प्रकाशित हिंदी त्रैमासिक पत्रिका किस्सा कोताह के भव्य वार्षिक आयोजन में मोहनयश फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मनीष बाजपेयी को हिंदी साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान और साहित्य के प्रचार प्रसार की दिशा में दिए जा रहे अमूल्य योगदान के लिए किस्सा कोताह क्लब संयोजक पुरस्कार से ग्वालियर के राज्य स्वास्थ्य सेवा एवं प्रबंधन संस्थान में गरिमामय कार्यक्रम में शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और 3100 रुपये का चेक भेंट कर सम्मानित किया गया | वहीं देश के ख्याति लब्ध उपन्यास कार एवं मशहूर कहानीकार अशोक असफल को कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मोहनयश फाउंडेशन की तरफ से अध्यक्ष मनीष बाजपेयी द्वारा शाल ,श्रीफल ,स्मृति चिन्ह और फाउंडेशन की रिसोर्स पर्सन डॉ योगिता बाजपेयी द्वारा रचित खण्ड काव्य माधव मंथन भेंटकर सम्मानित किया गया | देश के नामचीन साहित्यकारों के इस समागम में कोरबा छत्तीसगढ़ से डॉ माणिक विश्वकर्मा नवरंग के साथ बलौदाबाजार भाटापारा जिले से मनीष बाजपेयी की सक्रिय भागीदारी रही|  किस्सा कोताह वार्षिकोत्सव 2021 के इस महाकुंभ में जो गालव ऋषि की नगरी में संपन्न हुआ, उसमें विभिन्न प्रांतों से आए हुए साहित्य मनीषियों ने जो साहित्य की तरंगों में डुबकियां लगाईं उससे साहित्य की अनुगूंज और खुशबू दूर-दूर तक पहुंची। यह महाकुंभ 2 दिन तक चला। प्रथम सत्र 13 मार्च शनिवार को उद्घाटन सत्र के साथ प्रारंभ हुआ जिसमें अध्यक्ष की आसंदी पर प्रमोद भार्गव विराजमान थे। उद्घाटन कोरबा छत्तीसगढ़ से पधारे विद्वान डॉ माणिक विश्वकर्मा नवरंग ने किया। डॉक्टर बजरंग बिहारी तिवारी दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उद्बोधन दिया गया। संचालन केआरजी कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ रश्मि चौधरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध कहानीकार और सहायक उपायुक्त (कर) राजनारायण बोहरे इंदौर द्वारा 7 पुस्तकों दीनानाथ सठिया गए हैं (कहानी संग्रह ) शिव अवतार पाल, ढाई आखर (काव्य संग्रह) रीमा दीवान चड्ढा, रिश्तो की सौगात (कहानी संग्रह) शगुफ्ता यासमीन काजी, बहती हो तुम नदी निरंतर (गीत संग्रह) श्यामसुंदर तिवारी, जिंदगी का सफर तनहा (ग़ज़ल संग्रह) हरि ओम शरण विमल, सहमा हुआ इतिहास कहानी संग्रह) योनिमुद्रे नमोस्तुते (उपन्यास) ए. असफल का विमोचन हुआ।
द्वितीय सत्र पुरस्कार सम्मान एवं रचना पाठ आधारित रहा। सत्र की अध्यक्षता श्यामसुंदर तिवारी खंडवा ने की संचालन डॉक्टर प्रतिभा त्रिवेदी प्राचार्य ग्वालियर ने किया। इसमें डॉ. बजरंग बिहारी तिवारी को कथेतर साहित्य सम्मान, शिव अवतार पाल को  कहानी सम्मान, शैलेंद्र शरण को कविता सम्मान, राजा अवस्थी को नवगीत सम्मान, कांता राय को लघुकथा सम्मान, श्याम सुंदर तिवारी गीत सम्मान, मनीष बाजपेई को किस्सा कोताह क्लब सम्मान, दिव्या शर्मा को बाल कहानी सम्मान, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को बाल कविता सम्मान, मनोज शुक्ल अर्णव को छंद सम्मान से नवाजा गया।
साहित्य महाकुंभ के दूसरे दिन प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ राकेश पाठक द्वारा की गई। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मुकेश नेमा अपर आयुक्त आबकारी ग्वालियर, संचालक डॉ आशा वर्मा सहायक प्राध्यापक एसएलपी कॉलेज ग्वालियर द्वारा किया गया। इस सत्र में प्रसिद्ध कवियों आनंद सौरव उपाध्याय विदिशा, हरगोविंद मैथिल विदिशा, राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव विदिशा, राजा अवस्थी कटनी,  विजय बागरी कटनी, डॉ माणिक विश्वकर्मा नवरंग कोरबा, डॉ निर्दोष प्रेमी शिकोहाबाद, मनोज शुक्ल अर्णव बाह, बलवीर सिंह पाल इटावा, शैलेंद्र शरण खंडवा, श्यामसुंदर तिवारी खंडवा, हरिओम सिंह विमल इटावा ने साहित्यिक गंगा में डुबकी लगाकर विभिन्न रसों से सराबोर काव्यांजलि सबके समक्ष प्रस्तुत की जो विभिन्न विषयों पर आधारित थी।
द्वितीय और अंतिम सत्र में अध्यक्षता डॉ पदमा शर्मा कथाकार और सहायक अध्यापक एमएलबी कॉलेज ग्वालियर ने की मुख्य अतिथि डॉ सुरेश सम्राट संपादक दैनिक भास्कर और नवभारत ग्वालियर एवं संचालन डॉ जितेंद्र सहायक प्राध्यापक एमडीएस कॉलेज भिंड ने किया। इसमें कहानीकार दीर्घ नारायण लखनऊ ने कहानी,  डॉ ज्योति गजभिए ने छोटी कहानी, दिव्या शर्मा शिवमंगल सिंह ने बाल कहानियां, अंजू खरबंदा ने लघुकथा पाठ किया। आभार प्रदर्शन डॉ ज्योति उपाध्याय सहायक प्राध्यापक एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग कन्या महाविद्यालय मुरार ने किया।
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