टीकम निषाद/ देवभोग : किडनी पीड़ित जयसन पटेल की जिंदगी बचाने के लिए परिजनों ने पहले तो पुरखौती सोना चांदी बेचने के साथ लाखों का कर्ज ले लिया। और अब मृतक की क्रियाकर्म करने के लिए राशन कार्ड तक गिरवी किया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिस्टम पीड़ितों के साथ किस हद तक खड़ा हुआ है। मतलब सूपेबेड़ा के पीड़ित ना जान बचा पा रहे हैं। और ना पुरखों की संपत्ति बल्कि और भी कर्ज़ के तले दब रहे हैं। उल्लेखनीय की 3 दिन पहले किडनी बीमारी से ग्रसित जयसन पटेल की मौत हो गई। जिसकी जिंदगी बचाने के लिए पत्नी बेदो बाई पटेल एवं परिजनों ने सोना चांदी बेचने के साथ उड़ीसा एवं गांव में कर्ज लेने के अलावा विभागीय लोन से भी हजारों रुपए निकालकर जयसन पटेल की जिंदगी बचाने का भरसक प्रयास किया गया। मगर अंतिम में जयसन ने किडनी बीमारी से मुक्त होकर मौत को गले लगा लिया। मतलब यह सिस्टम के लिए काफी शर्मनाक बात है कि पति की क्रियाकर्म करने के लिए एक विधवा महिला को राशन कार्ड तक गिरवी करना पड़ रहा है ।अब बेदो बाई पटेल के पास सबसे बड़ा चैलेंज है। कि दो लड़की और एक बेटा का भरण पोषण किस तरह किया जाए। क्योंकि पहले से लिए कर्ज को चुकाने के लिए वर्षो लग जाएंगे। ऐसे में वर्तमान स्थिति का सामना किस तरह किया जा सकता है। मृतक जयसन पटेल की पत्नी बेदो बाई पटेल ने कहा कि जयसन को बचाने के लिए उड़ीसा नवरंगपुर भवानीपटना नेंगुडा धरमगढ़ विशाखापट्टनम देवभोग सहित कई जगह इलाज कराने के लिए लिया गया ।और इसके लिए उड़ीसा एवं गांव के लोगों से कर्ज भी लिया गया। और इस बीच जयसन की इलाज के दौरान पूरी पूरी राशि खत्म हो गई। और ऐसे में खाली हाथ मृतक जयसन का क्रियाकर्म किस तरह किया कराया जा सकता हैं। इसलिए राशन कार्ड को गिरवी कर मृतक का क्रियाकर्म कराया जा रहा है। और अब कर्ज चुकाने के लिए बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे और अनेक समस्याओं से किडनी पीड़ित अपने हाल पर जीने को मजबूर है। बावजूद इसके पीड़ितों के मनसा अनुरूप किसी प्रकार राहत नहीं मिल पा रहा है।
इलाज में सोना चांदी बिका अब किडनी पीड़ित मृतक के क्रियाक्रम में राशन कार्ड गिरवी
![](https://dainikchhattisgarhwatch.com/wp-content/uploads/2021/03/titi.jpg)