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अंडरब्रिज चालू होते ही क्रासिंग को बंद करनें रेलवे का फरमान, असुविधा इसलिए क्योंकि दूरी होगी लंबी व घुमावदार, इसलिए क्रासिंग अनिवार्य

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तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़। अंडरब्रिज चालू होते ही रेलवे ने बम्लेष्वरी क्रासिंग को बंद करनें का फरमान जारी कर दिया। फरमान का विरोध स्थानीय स्तर पर जमकर हो रहा है। क्योंकि अंडरब्रिज बन जानें से सुविधाओं में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन क्रासिंग को पूरी तरह से बंद करनें से लोगों की परेषानी बढ़ जाएगी। अंडरब्रिज में सफर करनें से लंबी दूरी के अलावा घुमावदार सफर तय करना पड़ेगा। लेकिन रेलवे ने स्थानीय लोगों की परेषानियों को दरकिनार करतें हुए 12 मार्च से बंद करनें का फरमान जारी कर दिया। इसके पहलें भी ओवरब्रिज बनतें ही कॉलेज क्रासिंग को बंद कर दिया गया। लेकिन सबसें अधिक आवाजाही बम्लेष्वरी क्रासिंग से होती है और इसें बंद करनें से आम दिनों में परेषानी तो होगी ही साथ ही नवरात्र पर्व में सबसें ज्यादा समस्या खड़ी होगी। अंडरब्रिज निर्माण करनें का उद्देष्य टैªफिक का दबाव कम करना था लेकिन विकल्प के रूप में क्रासिंग भी चालू रखनें की बात कही गई थी। किंतु अंडरब्रिज का निर्माण पूरा होतें ही रेलवे ने क्रासिंग को हमेषा के लिए बंद करनें का निर्णय ले लिया। क्रासिंग बंद होनें व अंडरब्रिज निर्माण के बावजूद षहर में आवाजाही व टैªफिक समस्या को लेकर हमनंे पड़ताल की और परेषानियों को सामनें रखा। जिस पर स्थानीय लोगों ने कहा कि अंडरब्रिज निर्माण के बाद भी क्रासिंग को विकल्प के रूप में चालू रखना चाहिए। यदि बंद होता है तो आंदोलन भी किया जाएगा।
तीन बिंदुओं में समझिए किस तरह से होगी परेषानी
वाहनों के भिड़ंत होनें की पूरी संभावनाः अंडरब्रिज की एंट्री क्रासिंग के ठीक बगल से होगी। वहीं एक्जिट सीएमओ बंगले के बगल से दी गई है। नीचे मंदिर से मेला ग्राउंड होकर भी वाहनों की आवाजाही होगी और अंडरब्रिज से भी वाहन निकलेंगे। ऐसे में दोनों ओर से वाहनों के भिड़ंत होनें की पूरी संभावना रहेगी। इस बात का ध्यान निर्माण के दौरान नहीं रखा गया। बल्कि प्रदेष में सत्ता बदलतें ही ब्रिज की ड्राइंग-डिजाइन ही बदल दी गई। सीएमओ बंगलें के समीप डेंजर जोन रहेगा।
नवरात्र में जब यहीं रास्ता बंद तो कैसे बनेगी व्यवस्थाः साल में दो बार क्वांर व चैत्र नवरात्र मेले के दौरान सतबहिनी मंदिर मार्ग व डिवाइडर रोड को वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। यहां पर लोगों को केवल पैदल चलनें की अनुमति रहती है। अब अंडरब्रिज से होकर लोग मेला ग्राउंड व उपर मंदिर डिवाइडर रोड में छोटे-बड़े वाहन लेकर घुसेंगे तो पर्व के दौरान टैªफिक व्यवस्था कैसे बनेगी। जबकि लाखों की तादात में पैदल आवाजाही सतबहिनी मंदिर व उपर मंदिर डिवाइडर रोड से होती है। आम दिनों में दर्षनार्थी इसी रास्तें से गुजरतें है।
अंडरब्रिज से कालका पारा व नीचे मंदिर की दूरी बढ़ीः बम्लेष्वरी क्रासिंग बंद होनें से खासकर स्थानीय लोगों की परेषानी और बढ़ेगी क्योंकि अंडरब्रिज से नीचे मंदिर व कालका पारा की दूरी बढ़ेगी। नीचे मंदिर जानें के लिए मेला ग्राउंड या ओवरब्रिज से गोषाला होतें हुए आना पड़ेगा। वहीं कालका पारा जानें के लिए सतबहिनी मंदिर व डिवाइडर रोड से सफर तय करना होगा। अंडरब्रिज निर्माण ने केवल रेलवे की परेषानी को कम किया है। जबकि पब्लिक की परेषानी और बढ़ रही है। इसे रेलवे ध्यान न देकर सीधे बंद करनें का फरमान जारी कर दी।
दैनिक रेल यात्री संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार चौबे ने भी लेवल क्रासिंग को बंद के आदेष का विरोध किया है। उन्होंने भी रेलवे के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर चालू रखनें की मांग को लेकर नागपुर जानें की तैयारी की है। वहीं क्रासिंग बंद किए जानें पर स्थानीय स्तर में जमकर विरोध देखा जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी बंद होनें से नाराज है। कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाध्यक्ष नवाज खान, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तरूण हथेल, नेता प्रतिपक्ष अमित छाबड़ा, वरिश्ठ नागरिक केके वर्मा, रेलवे सलाहकार समिति की सदस्य सुशमा कोठारी, रेलवे यूनियन षाखा सचिव अनिल पोद्दार, भाजपा षहर मंडल अध्यक्ष अमित जैन, पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामकृश्ण कनौजिया, मां बम्लेष्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के मंत्री नवनीत तिवारी ने भी लेवल क्रासिंग बंद होनें पर आपत्ति जताई है।

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