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गुरजीभाटा के सामुदायिक भवन निर्माण मैं गीली मिट्टी से फीलिंग जिम्मेदार मोन 

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टीकम निषाद/ देवभोग। लगातार मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गुणवत्ता की दुहाई देने के  बाद भी साइट इंजीनियरों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है बल्कि और निर्माण एजेंसी को संरक्षण देते हुए  अनियमितता कार्य को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही ग्राम पंचायत गुरजीभाटा टी मैं देखने को मिल रहा है। जहां मुख्यमंत्री समग्र योजना के तहत 6  लाख की लागत से सामुदायिक भवन स्वीकृत किया गया । बकायदा निर्माण एजेंसी को 2 लाख़ से अधिक राशि जारी भी हो चुका है ।बावजूद इसके स्टीमेट अनुसार कार्य नहीं हो रहा है। निर्माण एजेंसी ने सामुदायिक भवन प्लिंथ लेवल तक काम करा लिया। और अब फीलिंग कार्य किया  जा रहा है ।जिसमें भारी मात्रा में अनियमितता बरती जा रही है ।क्योंकि नियमानुसार फीलिंग मुरूमी से किए जाने का प्रावधान है। मगर सरपंच सचिव हजारों रुपए कमाने की लालसा में गीली मिट्टी से फीलिंग कर रहे हैं ।इससे निर्माण एजेंसी हजारों रुपए का फायदा तो जरूर होगा । लेकिन सामुदायिक भवन की मजबूती में अच्छी खासी  कमी होने की बात भी कही जा रही है। जिससे इंजीनियर के अलावा जिम्मेदार एसडीओ भी अच्छी तरह अवगत हैं ।मगर गुणवत्तापूर्वक कार्य कराने को लेकर कोई पहल नहीं हो  पाता ।जबकि पूरे पंचायत में सार्वजनिक भवन के अभाव के चलते  आसपास के ग्रामीण गुणवत्तापूर्वक समुदायिक भवन बनाने के लिए कई बार कह चुके हैं। ताकि लंबा समय तक भवन टिक पाए। मगर सरपंच सचिव लागत राशि में कांटामारी कर लाखों रुपए बनाने में लगे हुए हैं । शायद यही वजह है कि मापदंड को पूरी तरह अनदेखा कर लाखों का सामुदायिक भवन निर्माण कराया जा रहा है । जिसे साइट इंजीनियर से भी खुला संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया जा रहा है।
नरसिंह ध्रुव सीईओ  : अगर प्रावधान के विपरीत सामुदायिक भवन निर्माण कराया जा रहा है तो जांच कर राशि कटौती की कार्यवाही किया जाएगा
रेखराज बिसी इंजिनियर : अगर मिट्टी से फिलिंग किया गया है तो उसे निकाल कर मुरुमी से करने के लिए कहा जाएगा
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