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जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की बैठक सम्पन्न, पुनर्विचार के प्रकरणों की जांच कर आगे की कार्यवाही करें-कलेक्टर

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आफताब आलम/ बलरामपुर : कलेक्टर  श्याम धावड़े की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में वन अधिकार मान्यता पत्र के निरस्त प्रकरणों के लिए आयोजित पुनर्विचार शिविरों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से कहा कि प्रकरणों की जांच तथा स्थल निरीक्षण उपरांत आगे की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली जाए। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने समिति के सदस्यों को अवगत कराते हुए कहा कि 53 हजार 769 प्रकरणों के पुनर्विचार  हेतु विकासखण्डवार शिविर आयोजित किए गए थे। साथ ही साथ शिविर में वनाधिकार मान्यता के नवीन आवेदन भी लिए गए, जिनके निराकरण के लिए कार्यवाही जारी है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित करते हुए कहा कि निरस्त प्रकरणों के पुनर्विचार के लिए सुनवाई शिविर सम्पन्न हो चुके है, अब सकारात्मक ढंग से कार्य करते हुए आगे कार्यवाही करें तथा जो पात्र हितग्राही हैं, उन्हें वन अधिकार पट्टा प्रदान किया जाएगा, यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र अधिनियम 2006 जनजातीय समुदाय तथा अन्य परंपरागत वन निवासियों को वन अधिकार पट्टा प्रदान करता है ताकि वे अपनी आजीविका के लिए इसका उपभोग कर सके। उन्हें कृषक का दर्जा मिले तथा सभी शासकीय योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिल पाए। कलेक्टर श्री धावड़े ने कहा कि जिन प्रकरणों को निरस्त किया गया था उन्हें एक बार पुनः सुनवाई का मौका दिया गया है तथा आगे की कार्यवाही नियमानुसार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन आवेदकों द्वारा एक से अधिक आवेदन किए गए हैं, उसमें से एक आवेदन निरस्त कर दें अथवा मूल आवेदन के साथ संलग्न कर दिया जाये। वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने के लिए जिला स्तरीय समिति के साथ-साथ ग्राम एवं अनुभाग स्तरीय समिति भी कार्य कर रही है जो वास्तव में पात्र हितग्राही हैं उन्हें पट्टा प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती पुष्पा नेताम, पूर्णिमा पैंकरा, हीरामनी निकुंज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती तुलिका प्रजापति, सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, डिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, श्री प्रवेश पैंकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी श्री आर.के.शर्मा, सर्व अनुविभागीय अधिकारी वन, सर्व तहसीलदार, वन पाल सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

कलेक्टर एवं सीईओ ने की सुराजी गांव योजना तथा गोधन न्याय योजना की विस्तृत समीक्षा

राज्य शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुराजी गांव योजना की शुरुआत की गई है। शासन की इस महत्वकांक्षी योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदल रहा है तथा इस योजना का महत्वपूर्ण घटक गौठान आजीविका के केन्द्र के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके साथ ही राज्य शासन द्वारा गोधन न्याय योजना की भी शुरूआत की गई है जिसका सीधा लाभ पशुपालकों तथा कृषकों को हो रहा है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर सुराजी गांव योजना तथा गोधन न्याय योजना की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा बेहतर क्रियान्वयन के लिए आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने गौठानों को मल्टीएक्टीविटी के रूप में विकसित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी अधिकारियों के साथ साझा की। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने बैठक में गोधन न्याय योजना की चर्चा करते हुए कहा कि गौपालकों तथा पशुपालकों की आय में वृद्धि करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई थी। जिले के 110 गौठानों में गोबर खरीदी का कार्य किया जा रहा है तथा महिलाएं वर्मी कंपोस्ट भी तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कंपोस्ट के विक्रय तथा इसका उपयोग करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जाए। कलेक्टर ने तैयार वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए कृषि, उद्यानिकी तथा वन विभाग को कार्ययोजना तैयार करने को कहा तथा उनके विभागीय आवश्यकता के लिए समूहों से ही वर्मी कम्पोस्ट की खरीदी करने के निर्देश दिये। उन्होंने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना की नियमित समीक्षा करें तथा गौठानों का निरीक्षण कर वस्तु स्थिति की निरंतर जानकारी भी लें। कलेक्टर श्री धावड़े ने आवर्ती चराई हेतु स्वीकृत गौठानों के लंबित निर्माण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने बैठक में गौठान को मल्टीएक्टीविटी सेन्टर के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने की कार्ययोजना से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान 110 गौठानों में गोबर खरीदी तथा वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। आगामी कुछ दिनों में बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो जाएंगे, जिसके पैकेजिंग की तैयारी भी की जा रही है। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए विभागीय अधिकारी महिला समूहों का सहयोग करें ताकि उनमें व्यावसायिक दृष्टिकोण का विकास हो। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने विकासखण्डवार गौठानों के लंबित कार्यों की जानकारी देते हुए अधिकारियों के साथ चर्चा कर निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने को कहा। उन्होंने प्रत्येक विकासखण्ड के 20 गौठानों का चयन कर वहां पेयजल की व्यवस्था, सोलर सिस्टम, फेंसिंग तथा वृक्षारोपण करने की जानकारी दी। साथ ही कहा कि महिला समूहों के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिेकोण से गौठान में 12 कार्य शेड बनाए जायेंगे जिससे उनके वर्मी कम्पोस्ट के भण्डारण की समस्या दूर हो जायेगी। महिलाओं को चप्पल निर्माण, फ्लाई ऐश तथा टाईल निर्माण के कार्य में नियोजित किया जायेगा। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने गौठानों में चरवाहों को विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जोड़ने की विस्तृत कार्ययोजना से अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि चरवाहों को गौठान के कार्य के साथ-साथ अन्य रोजगार मूलक कार्यों से जोड़ा जाएगा तथा उन्हें श्रम विभाग में पंजीकृत कर विभागीय योजना का लाभ प्रदान करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, श्री प्रवेश पैंकरा, उप संचालक कृषि श्री अजय अनंत, पशु चिकित्सा सेवाएं श्री बी.पी. सतनामी, सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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