टीकम निषाद/ देवभोग। डामर प्लांट को सुरक्षित संचालित नहीं करने का नुकसान अब किसानों को और उद्यानिकी फसल कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है ।क्योंकि डामर प्लांट से निकलने वाला जहरीला वायु प्रदूषण जितना पौधा पर पड़ेगा उतना आवश्यक तत्व की दुष्प्रभाव से फसल खराब होने की बात कही जाती है ।ऐसे में बाेईरगुड़ा मार्ग पर खुले आसमान के नीचे बिना घेराव और जहरीला धुआं को दूसरे दिशा में देने की पहल के बिना 80 प्रतिशत से ज्यादा मात्रा में डामर प्लांट का इस्तेमाल संचालक द्वारा किया जा रहा है ।कृषि जानकारों की मानें तो पेड़ पौधों में जहरीला धुआं जमकर फसलों के अलावा मिट्टी पर भी असर करता है। मिट्टी में उर्वरक शक्ति नष्ट होने की सत प्रतिशत संभावना होती है। शायद यही वजह है कि डामर प्लांट खेत खलियान साग सब्जी फल फूल लगाने जैसे जगहों से कोसों दूर संचालित करने के लिए अनुमति दिया जाता है। लेकिन बाेईरगुड़ा मार्ग पर बिना नियम कानून के संचालित डामर प्लांट का नुकसान भोले-भाले किसान उठाने को मजबूर हैं। क्योंकि डामर प्लांट के आजू-बाजू कई हेक्टेयर खेत है। जहां धान एवं मक्का उत्पादन किया जाता है ।जिसमें पहले की अपेक्षा अब अच्छी फसल नहीं हो पाती। इसके अलावा धीरे-धीरे जमीन खराब होती जा रही है। साथ ही डामर प्लांट का असर सबसे ज्यादा पक्षियों पर देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो जिस स्थान पर डामर प्लांट लगाया गया है। उसके आसपास स्थानीय पक्षियों की संख्या नहीं की बराबर हो चुकी है। जबकि कुछ साल पहले सुबह शाम जिन पक्षियों की गूंज सुनाई देती थी। अब प्लांट लगने के बाद पक्षियों की गूंज गायब हो गई है। पशु पक्षी अब नजर नहीं आते। जिसका प्रमुख कारण 5 गांव के बीच संचालित डामर प्लांट को माना जाता है ।इससे ग्रामीण भी चिंतित है। लेकिन प्लांट संचालक की धाक से अधिकारियों की कार्यवाही नहीं हो पाती जिससे निराश ग्रामीण पंचायत की ओर मुंह ताके हुए हैं ।क्योंकि पंचायत स्वयं प्रस्ताव पारित कर प्लांट बंद कराने की कार्रवाई कर सकती है। पंचायत के बिना अनुमति से ऐसे डामर प्लांट का संचालन मुश्किल है। फिर भी पंचायतों के जिम्मेदार सहित संबंधित अधिकारी उदासीन रवैया अपना रहे हैं।
संतोष नेताम एडीआ कृषि विभाग –: जिस तरह डामर प्लांट का इस्तेमाल हो रहा है उससे फसलों के अलावा मिट्टी पर भी काफी असर पड़ेगा
नेहरू सोनी सचिव ग्राम पंचायत बाड़ीगांव -: डामर प्लांट संचालन के लिए इसी प्रकार पंचायत से अनुमति नहीं लिया गया है और ग्रामीणों एवं किसानों को जिस तरह परेशानी हो रही है ग्राम सभा में चर्चा कर प्रस्ताव पारित किया जाएगा