- डोर-टू-डोर सर्वे कर शत्-प्रतिशत् पेंशन स्वीकृति का कार्य 31 मार्च तक करें पूर्ण: कलेक्टर
आफताब आलम/ बलरामपुर : शासन द्वारा विभिन्न पेंशन योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को दी जाने वाली छः प्रकार की पेंशन राशि का भुगतान सुनिश्चित करने तथा डोर टू डोर सर्वे कर पात्र हितग्राहियों को शत्-प्रतिशत् पेंशन स्वीकृति का कार्य 31 मार्च तक पूर्ण कर लिया जाए। उक्त बातें कलेक्टर श्री श्याम धावडे ने करारोपण अधिकारी तथा पंचायत निरीक्षकों की बैठक में कही। बैठक में उन्होंने पंचायतवार पेंशन हितग्राहियों के नगद एवं डीबीटी भुगतान की स्थिति एवं संख्या, सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत माह फरवरी तक पेंशन हितग्राहियों की संख्या, आधार सीडिंग, दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र, ऋणवसूली तथा नवीन पेंशन हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी ली तथा विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने पंचायत निरीक्षकों को ग्राम पंचायतों का नियमित भ्रमण कर अनिवार्य रूप से निरीक्षण पंजी में टीप लिखने को कहा। उन्होंने ग्राम पंचायतों में सचिवों की अनुपस्थिति तथा कार्यशैली के प्रति कड़ी नाराजगी जताते हुए कार्यदिवसों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने करारोपण अधिकारी तथा पंचायत निरीक्षकों को वर्तमान कार्यों के साथ-साथ नवीन दायित्व सौंपते हुए रोस्टर तैयार करने की जानकारी दी। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में पंचायत निरीक्षकों से कहा कि ग्राम पंचायतों का नियमित निरीक्षण करें तथा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का आंकलन कर वस्तु स्थिति से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि पंचायतों के निरीक्षण के दौरान पेंशन के पात्र हितग्राहियों को राशि प्राप्त हो रहा है या नहीं, इसकी जांच अनिवार्य रूप से करें तथा कोई हितग्राही ना छूटे यह भी सुनिश्चित किया जाए। पेंशन प्राप्तकर्ता हितग्राही, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, अथवा लंबे समय से पलायित हैं, उन्हें सूची से विलोपित करने का कार्य 31 मार्च तक पूर्ण करें। कलेक्टर श्री धावड़े ने कहा कि यदि लापरवाही के कारण किसी पात्र हितग्राही के अधिकारों का हनन होगा तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने उप संचालक पंचायत से कहा कि सरपंच तथा सचिवों के संवादहीनता से ग्राम पंचायतों का कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। समन्वय के साथ कार्य करते हुए शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में महिला सरपंच चुनी गई हैं, उन्हें शासकीय योजनाओं से अनिवार्यतः अवगत करायें ताकि दूरस्थ अंचलों के हितग्राहियों को भी योजना का लाभ मिले। उन्होंने सचिवों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में सचिवों की अनुस्थिति से ग्रामीणों के कार्य प्रभावित होते हैं। पंचायत निरीक्षक ग्राम पंचायतों के निरीक्षण के दौरान सचिवों की उपस्थिति के संबंध में जानकारी लें तथा उन्हें कार्यदिवस में उपस्थित रहने के निर्देश दें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने पंचायत निरीक्षकों एवं करारोपण अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों से वित्तीस अनियमितता की गंभीर शिकायत आने पर जांच उपरांत दोषियों पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पंचायत निरीक्षकों की भूमिका का महत्वपूर्ण बताते हुए विधिवत् रोस्टर तैयार कर नवीन दायित्व सौंपने संबंधी जानकारी दी। पेंशन प्रकरणों के शत्-प्रतिशत् निराकरण, ऋण वसूली, गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में पंचायत अधिकारियों की भूमिका संबंधी कार्ययोजना से कलेक्टर तथा अधिकारियों को अवगत कराया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने कहा कि चलने-फिरने में अक्षम पेंशन हितग्राहियों को उनके घर जाकर नगद भुगतान किया जाए तथा निर्धारित आयु सीमा उपरांत पेंशन राशि में वृद्धि के अनुरूप ही भुगतान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत प्रशासन की महत्वपूर्ण इकाई है, शासकीय योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में पंचायत पदाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, अतः दायित्व अनुरूप अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं डिप्टी कलेक्टर श्री प्रवेश पैकरा, उप संचालक समाज कल्याण श्री चन्द्रमा यादव, सहायक संचालक सुश्री स्टेला खलखो उपस्थित थे।