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सीमावर्ती क्षेत्रो के जंगल में अवैध लकड़़ी तस्कर सक्रिय, डूमाघाट मार्ग पर अज्ञात तस्करो द्वारा छोड़ा गया विशाल गोला

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  • घिरली बांधकर किया जा रहा था तस्करी अज्ञात लोगो द्वारा अवैध तस्करी करते हुए छोड़ा

पुलस्त शर्मा/मैनपुर। गरियाबंद के आदिवासी विकासखंड मैनपुर में लगातार जंगल सिमटते जा रहे है और ओड़िसा सीमावर्ती क्षेत्रो में सक्रिय अवैध लकड़ी तस्कर बेसकिमती लकड़ियों को तस्करी करने लगे हुए है। बीती शुक्रवार की रात उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र धुरवागुड़ी के ग्राम डूमाघाट के समीप रास्ते में एक बड़ा लकड़ी का गोला अवैध तस्करी करते हुए तस्करों द्वारा छोड़ा गया है जिसे लेकर वन विभाग बड़ा गैंग तस्करी में शामिल होना बताया जा रहा है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात डूमाघाट मार्ग पर लगभग 5 से 6 फीट लंबा व मोटा धौरा पेड़ का गोला जिसकी कीमत लगभग 10 से 20 हजार रूपयें आंकी जा रही है जिसे तस्करी करते हुए अज्ञात अवैध तस्करो द्वारा तस्करी करते हुए विफल होने पर बीच रास्ते में छोड़ दिया गया है। ग्रामीणों के बताये अनुसार इस इलाके में बेसकिमती लकड़ियों की तस्करी करते देखा गया है गांव वाले ने बताया कि इस रोड पर बैलों के माध्यम से घिरली बांधकर जंगलों में जाकर बांधकर बड़े-बड़े लकड़ी की कटाई किया जा रहा है और रात होते ही बैलों के जरिये घिरली बांधकर जंगल से नीचे उतारा जाता है और रातों-रात ही बड़ी चालाकी के साथ लकड़ी के गोला को एक गांव से दूसरे गांव पहुंचा दिया जाता है या बॉर्डर पार कर दूसरे राज्य ले जाया जाता है और इस तरह से रातों रात में ही लाखों का सौदा तस्करों द्वारा करते हैं उदंती जंगल में रोड किनारे भले ही आप लोगों को बड़े बड़े पेड़ नजर आ रहे हो लेकिन जब आप अंदर जाएंगे तो हकीकत पता चलेगा उदंती अभ्यारण के अंतर्गत आने वाली क्षेत्र इंदागांव देवभोग अमलीपदर इन इलाकों में इन दिनों लकड़ी का तस्कर अधिक देखा जा रहा है।
विभाग द्वारा अब तक नही की गई कार्यवाही
जंगल क्षेत्र में वन विभाग द्वारा चुस्ती फुर्ती दिखाकर पिछले कुछ दिनों में कई अवैध लकड़ी तस्करों को गिरफ्तार किया है मुखबिरों से जानकारी लेकर घर घर जाकर अवैध लकड़ी को बरामद किया है और कार्यवाही करते हुए मामला भी दर्ज किया गया है तो वहीं आज के इस खबर के अनुसार ऐसे कई मामले हैं जो कि रात के अंधेरों में लकड़ियों की हेराफेरी किया जा रहा है इस तरह से बीच रास्ते में इतने बड़े गोला का पाया जाना इशारा करता है कोई बड़ा तस्करी गैंग होने का जिनका यह गैर कानूनी गतिविधि रोजाना यही काम करना रहता होगा
बॉर्डर पार के तस्कर होने का अंदेशा
उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते हैं और इस बीच डूमाघाट आस पास कोई जांच चौकी न होने की वजह से तस्करों का हौसला बढा है ऐसे में वन विभाग इन तस्करों को रोकने के लिए इन ग्रामीण इलाकों में इस तरह का सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करता है ये आने वाला वक्त ही बता सकेगा सीमावर्ती क्षेत्रो में लगातार उड़ीसा के तस्कर लकड़ियों की अवैध तस्करी करते पकड़े जा चुके है लेकिन इसके बाद भी वन विभाग के लगातार सीमावर्ती क्षेत्र मे तैनाती के बीच जंगल तस्करो से सुरक्षित नही है। गांव वाले के मुताबिक उड़ीसा के होने के तस्कर बताए जा रहे हैं और इसमें कुछ स्थानीय लोगों का हाथ होना भी बताया जा रहा है क्योंकि बाहर के लोगों तब तक गलत गतिविधियों में काम नहीं कर सकते जब तक अंदर का कोई लोग या स्थानीय लोग सारा जानकारी उन तक ना पहुंचा दें तो इससे वविभाग को भी अवगत होना चाहिए स्थानीय स्तर पर भी इस तरह से तस्करों को पनाह दिया जा रहा है जो रात के अंधेरे में उदंती जंगलों में घुसकर अवैध तस्करी को अंजाम देते हैं।
उदंती के जंगलों में तस्करों के डेरा?
पिछले कुछ दिनों में उदंती अभ्यारण के जंगलों पर कई तस्करी का मामला सामने निकल कर आया है जिसमें खासतौर पर बाघ के छाल के साथ हिरण की अवैध शिकार जैसे कई मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा था पर आज जो मामला सामने निकल कर आ रहा है लकड़ी की गोला की अवैध तस्करी का जिस पर अभी मामले की जांच होना बाकी है अब विभाग इस मामले को किस तरह से जांच पड़ताल करेगी और तस्करों को किस तकनीक से पकड़ने में कामयाब रहेगी यह तो वक्त ही बता पाएगा पर इस तरह के तस्करों पर नकेल कब और कैसे कसी जाएगी और कब इस तरह के मामले कम होगा सवाल आज भी बरकरार है विभाग की चार चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इस तरह का अंधाधुन हो रहे तस्करी से कहीं ना कहीं विभाग की जंगल सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़ा करता है।

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