सुनील नार्गव/ मुंगेली। अवैध कालोनाईजर एवं जमीन दलालो की काफी शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए नव पदस्थ एसडीएम को अवैध प्लाट बेेचने वालों पर कार्यवाही करने निर्देशित किया गया। एसडीएम नवीन भगत ने रामगढ़, देवरी, बरेला दर्जनों एकड़ कृषि भूमि में हो रहें अवैध प्लाट पर कार्यवाही करना शुरू कर दिये है। साथ ही रजिस्ट्री शून्य भी किया जा रहा है। जमीन दलालों में अफरा तफरी मची हुई है। एसडीएम ने कृषि भूमि पर कई टूकड़ों में प्लाट काटकर कच्ची रोड तैयार कर ग्राहको को लुुभावने करने वालों जमीन दलालो पर कार्यवाही करना शुरू कर दिया है। साथ ही बनाए गये अवैध प्लाट को हटा दिया गया है। जमीन दलाल रोज कार्यालय के चक्कर लगाते है। साथ ही नेताओं के एप्रोच भी लगवा रहें है।
एसडीएम ने किसान बालकृष्ण सोनकर खसरा नंबर 131/5 रकबा 0.132 हेक्टसर निवासी ग्राम देवरी, यमुना प्रसाद खसरा नंबर 131/5 0.067 निवासी ग्राम देवरी, घनश्याम सोनकर खसरा नंबर 131/1 रकबा 0.049 हेक्टेयर निवासी ग्राम देवरी, चन्द्रप्रकास खसरा नंबर 131/3 रकबा 0.087 हेक्टेयर निवासी ग्राम देवरी, रामकली बेनकुंवर खसरा नंबर 45/1,54/1 रकबा 0.137, 0324, 0. 110. निवासी ग्राम देवरी, रामवती, बेनकुवर खसरा नंबर 12/6,13/1, 52/1. 55/1 रकबा 0.137. 0.324. 0.110.0. 0.057 हेक्टेयर निवासी ग्राम देवरी, शौरभ पाठक खसरा नंबर 31/2 रकबा 0.435 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, लक्ष्मीनाराण खसरा नंबर 172/4 रकबा 0.615 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, शोभाराम खसरा नंबर 276/1 रकबा 0.218 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, मुरारी खसरा नंबर 335/1 रकबा 0.231 हेक्टेयर निवासी ग्रामी रामगढ़, भूखन खसरा नंबर 323/1 रकबा 0.582 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, वीरेश पाठक खसरा नंबर 32/1 0.127 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, झड़ीराम खसरा नंबर 365/1 रकबा 0.399 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, धनीराम खसरा नंबर 93/2 रकबा 0.174 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, मोहन यादव खसरा नंबर 11/34 रकबा 0.180 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, औमेश खसरा नंबर 422/4 रकबा 0.219 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, धनीराम खसरा नंबर 322/1 रकबा 0.126 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, भुवन खसरा नंबर 92 रकबा 0.599 हेक्टेयर निवासी ग्राम रामगढ़, सहोद्राबाई खसरा नंबर 206/2, 206/3 रकबा 0.314, 0.368 हेक्टेयर ग्राम रामगढ़, मुस्ताक हुसैन खसरा नंबर 662 रकबा 6-7 एकड़ निवासी बरेला को नोटिस जारी करते हुए प्लाटिंग की बोर्ड व कच्ची सड़क को हटवा दिया गया है।
जिला मुख्यालय के चारों दिशाओं में हो रहे अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी विकास को लेकर जिला युवा कांग्रेस एवं एनएसयूआई द्वारा संयुक्त रूप से कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा कर जिले के चारों दिशा में अवैध प्लाटिंग एवं कालोनी निर्माण को लेकर कड़ी कार्यवाही करने का मांग किया गया था। ज्ञापन में कलेक्टर से अपील करते हुए कहा कि अवैध प्लाटिंग एवं अवैध कालोनी विकसित करने वालों के खिलाफ जज्द से जल्द कठोर कार्यवाही मांग किया गया। अधिकारियों के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में जमीन की दलाली का गोरखधंधा फलफूल रहा है जमीन दलालों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नही की जा रही है। कार्यवाही के नाम पर केवल नोटिस भेज कर खानापूर्ति की जाती है। जिला बनने के बाद से मुंगेली अवैध कालोनाईजरों और जमीन दलालों के शिकंजे में रहा है, और उनके द्वारा अवैध तरिके से प्लाटिंग कर नये-नये स्कीम देकर ग्राहकों को फंसाया जाता रहा है, ग्राहक भी नियम-कायदों के अभाव में इन जमीन दलालों व अवैध प्लाटिंग करने वालों के झांसे फंसते चले जा रहे है। काफी लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे में राजस्व अधिकारियों सहित अधिकारियों और छुटभैये नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते ये जमीन दलाल अपनी मनमानी करते हुये नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। अभी हाल ही में लगातार अवैध प्लाटिंग की खबरें सुर्खियों में थी आश्चर्य की बात है कि आखिर इन जमीन दलालों और अवैध कालोनाईजरों पर कोई कार्यवाही क्यों नही हो पा रही ? राज्य शासन को अवैध प्लाटिंग के चलते भारी राजस्व की क्षति हो रही है।
इन जगहों पर बेखौफ होकर किया जा रहा है अवैध प्लाटिंग :- बिलासपुर रोड, कलेक्टर कार्यालय एवं बंगले के आसपास, जेल रोड, गीधा, दाउपारा के पास, पंडरिया रोड में शक्तिमाई मंदिर मुख्य द्वार के सामने रोड में तालाब के पास, फास्टरपुर रोड में, शिक्षक नगर, नवागढ़ रोड़ में स्टेडियम के सामने, नवागढ़ रोड में विज्ञान महाविद्यालय के पास, रायपुर रोड में, रामगढ़ में। ऐसे ही कई और जगह है जहां अवैध प्लाटिंग का गोरखधंधा चल रहा है जिस पर कोई ठोस कार्यवाही नही हो रही है।
मुख्य मार्ग पर दर्जनों प्रापर्टी डिलर ऑफिस खुला हुआ है:- जमीन दलाल जो दुकान खोलकर बड़े – बड़े अक्षरो में 150 सौ रूपये से लेकर 5 सौ रूपये तक अवैध जमीन का रेट लिस्ट लगाकर वालपेंटिंग के जरीये लोक लुभावने रेट में प्लाटिंग कर रहें है। जमीन दलाल, राजस्व एवं नजूल अधिकारियों के मिलीभगत के कारण अवैध प्लाटिंग करने वालों का मनोबल बढ़ा हुआ है। जिला बनने के बाद आवासीय जमीन की मांग अधिक हो गई है। नौकरी पेशे वाले लोग रिटयर मेन्ट के बाद शहर एवं घर से लगे क्षेत्रो में रहना चाहते है। लोगों का इसी जरूरत का फायदा जमीन दलाल अवैध रूप से खरीदी बिक्री करने वाले लोग उठाते है। और बिना रेरा में पंजीयन नगर एवं ग्राम निवेस से स्वीकृति कराय, बिना डायवर्सन, बिना रजिस्ट्रीकरण कराय लोगों को धोखे में रखकर किसानों से उनकी जमीन की एग्रीमेन्ट के माध्यम से खरीद कर बाहर के लोगों को टूकड़ो में अवैध प्लाट बेंच देते है। उस समय तो लोग प्लाट खरीद लेते है। बाद में जब वे अपने घर बनवाने के लिए स्थानीय निकाय में अनिमति के लिए आवेदन करते है, तब उन्हें पता चलता है कि उनके द्वारा खरीदी गई जमीन नगर एवं ग्राम निवेस में पंजीकृत नही है।
ऐसे होता है अवैध प्लाटिंग करने वालों का खेल:– जब किसानों से उनकी जमीन खरीदते हैं तो उन्हे थेड़े पैसे देखकर सिर्फ एग्रीमेन्ट कराते है और सीधे ग्राहक के नाम पर टूकड़ो में किसानो से ही रजिस्ट्री कराते है। इसमें भविष्य में कार्यवाही होने पर अवैध प्लाटिंग करने वाले लोग बच जाते है। सिर्फ टूकड़ो में रजिस्ट्री करने किसान ही फंसते है। इस तरह अवैध प्लाटिंग का खेल मुंगेली में जिला प्रशासन कि सह पर हो रहा है।
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे भू माफिया:- नियमानुसार प्लाटिंग करने में कम मुनाफा होता है जबकि शासन के गाईड लाईन के नियामानुसार प्लाटिंग करने वालों के लिए उन्हे रेरा पंजीयन नगर एवं ग्राम निवेस से अनुमति, एसडीएम कार्यालय से रजिस्ट्रीकरण सहित ईडब्ल्यूएस के लिए जमीन छोडऩा, गार्डन के लिए जमीन छोडऩा बढता है। इससे प्लाटिंग करने वाले लोगों को अधिक लागत एवं कम मुनाफा होता है। जिसके कारण अवैध प्लाटिंग करने वाले शासन के गाइड लाईन का पालन नही करते। अवैध प्लाटिंग करने से ये सारे खर्चे से बंच जाते है। जबकि प्लाट खरीदने वाले उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार कि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस संबंध मेें एसडीएम नवीन कुमार भगत ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार अवैध रूप से कृषि भूमि को प्लाट बनाकर बेंचने वालों के बोर्डिंग व कच्ची सड़क को हटाया गया है। साथ ही कई कालोनियों पर भी कार्यवाही किया जाएगा।