तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़ : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अंतिम पांच दिन ही षेश है। लेकिन ब्लॉक में अधिकतर पंजीकृत किसान ऐसे है जो अब तक धान नहीं बेच पाएं है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई कि वे इस साल समर्थन मूल्य पर धान बेच पाएंगे या नहीं। क्योंकि फिलहाल राज्य सरकार की ओर से खरीदी की मियाद बढ़ानें के संबंध में अब तक किसी तरह का आदेष नहीं आया है। इसलिए किसान असमंजस में है कि पांच दिनों के भीतर उनका धान नहीं बिका तो नुकसान उठाना पड़ेगा। इधर खरीदी में पहलें ही एक महीनें की देरी और बारदाना कमी के चलतें ही इस तरह की समस्या किसानों को हो रही है। अधिकतर सोसायटी इसलिए कई दिनों तक बंद रही क्योंकि उठाव नहीं होनें से जाम के हालात बनें और बारदाना की कमी के चलतें भी काफी दिनों तक खरीदी प्रभावित रही है। ऐसे में किसानों का चिंता करना भी उचित है। नियत तिथि में पंजीकृत किसानों का धान खरीदनें के लिए टोकन वितरण की संख्या को भी बढ़ा दी गई है। जहां प्रतिदिन 30-40 किसानों से धान खरीदी होती थी वहीं अब अंतिम समय में रोजाना 70-80 किसानों से धान खरीदा जा रहा है। लेकिन अंतिम तिथि खत्म होनें के बाद भी पंजीकृत किसान षेश रहेंगे। इसलिए अब धान बेचनें के लिए किसानों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है। ब्लॉक भर में 40 प्रतिषत से अधिक किसान धान बेचनें से वंचित होना बताया जा रहा है। समस्या के लिए षासन जिम्मेदार है क्योंकि समय पर उठाव नहीं होनें व बारदाना कमी के चलतें अंतिम समय में इस तरह की समस्या आ रही है। अछोली सोसायटी में खरीदी व उठाव का कुछ ऐसा है हाल- अछोली सोसायटी में 1903 किसान पंजीकृत है, इनमें से 1234 किसानों से ही खरीदी हो पाई है। समय-समय पर बारदाना व जगह के अभाव में धान खरीदी 15 दिनों तक प्रभावित रही। जिसके चलतें अब तक 51842 क्विंटल धान की खरीदी हो पाई है। वहीं 40 प्रतिषत से अधिक किसान अभी भी धान बेचनें से वंचित है। षेश बचे 5 दिनों में 669 किसान धान बेचनें के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। वहीं मिलर्स ने 26980 क्विंटल व मार्कफेड ने 26980 क्विंटल ही धान का उठाव किया है और समिति का बफर लिमिट महज 3500 क्विंटल है। ऐसे में समय पर धान की खरीदी संभव नहीं दिख रहा।
पांच दिन खरीदी षेश, इधर पंजीकृत किसानों की बढ़ी चिंता, जाम व बारदाना के चलतें बनी ऐसी स्थिति
