- गाँव से लकड़ियों को जप्त किया गया है और अवैध कटाई को लेकर कार्यवाही जारी है – डीएफओ
केशकाल : एक ओर जहां छ.ग सरकार के द्वारा वनों के संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर वन सुरक्षा समितियां बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के द्वारा ही जंगल की रक्षा करना छोड़ सीमा विवाद के कारण 10 एकड़ से अधिक वन्य भूमि में लगे से हरे भरे पेड़ों को धाराशायी किया जा रहा है। इसी तरह का एक मामला यह पूरा मामला वनमंडल केशकाल क्षेत्र के बडेराजपुर रेंज अंतर्गत ग्राम पंचायत सालेभाट के आश्रित ग्राम कोयलाबेड़ा में सामने आया है। जहां सलेभाट व कोयलाबेड़ा इन दोनों गांव के ग्रामीण पेड़ो की कटाई को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि वन विभाग के कर्मचारियों को शिकायत करने के बाद भी समय पर कार्रवाई करने नहीं पहुंचेे जिसके चलते आज 2 गांव आपस में लड़ बैठे व हजारो पेड़ों की अवैध कटाई हुआ है।
बता दें कि कोंडागांव जिले में वन विभाग द्वारा लगातार गांव गांव में गठित वन समितियों के साथ बैठक कर वनों की सुरक्षा हेतु जानकारी दिया जा रहा है। लेकिन ऐसे भी कई गांव है जहां पर सीमा विवाद के चलते पेड़ों की अवैध कटाई क्या जा रहा है जिस पर वन विभाग रोक लगाने में असफल है। इसी तरह का मामला केशकाल वनमंडल क्षेत्र के वन परिक्षेत्र बडेराजपुर के ग्राम सालेभाट और कोलियाबेड़ा में देखने को मिला है जहां दोनो गांव के ग्रामीणों के द्वारा 10 एकड़ से अधिक हरे-भरे साल की पेड़ों को काटा गया और सभी लोग अपने अपने घर में ले गए हैं।
वन विभाग की लापरवाही हुई उजागर, समय रहते कार्रवाई न करने के कारण बढ़ा मामला
इस विषय पर सालेभाट सरपंच जगदीश मरकाम ने बताया कि हमारे गांव में ग्राम सभा कर के वनों की सुरक्षा के लिए के लिए वन सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है, जिनके द्वारा लगातार वनों का देखरेख किया जा रहा था। इसी बीच पिछले माह ग्रामीणों के द्वारा जानकारी मिला की जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है जिसको लेकर मैंने तत्काल वन विभाग के कर्मचारी को सूचना दिया लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं होने पर और अधिक पेड़ों की कटाई हो गई। जिसके बाद गांव में ग्रामसभा रख कर सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित किया गया और ग्राम कोलियाबेड़ा के ग्रामीणों द्वारा कटाई किए लकड़ी को जब्ती किया गया और गांव में लाया गया। साथ ही गांव के कुछ लोगों के द्वारा भी कटाई किया गया था, उन सभी लकड़ियों को समिति के द्वारा जप्त कर लिए गया है। सरपंच ने यह भी कहा कि यदि समय रहते वन विभाग के कर्मचारी कार्यवाही करते तो इस प्रकार हरे भरे पेड़ों की कटाई नहीं होती।
दोनो गांव के ग्रामीण एक-दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप
ग्राम कोलियाबेड़ा के ग्रामीण सरित कुमार नेताम, पुनऊ राम नेताम ने बताया कि दोनों गांव के बीच जंगल सीमा को लेकर समझौता हुआ था चिन्हित किया गया लेकिन ग्राम सालेभाट के ग्रामीणों द्वारा जबरन हमारे क्षेत्र में आकर पेड़ों की कटाई किया गया जिसके बाद हमारे गांव के लोगो ने भी पेड़ों की कटाई कर दी।
केशकाल वनमंडलाधिकारी बीएस ठाकुर ने बताया कि हमे उक्त मामले की शिकायत मिलते ही मंगलवार को उपमंडल अधिकारी मोना महेश्वरी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम और केशकाल पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्राम कोलियाबेड़ा के ग्रामीण के घर से कटाई की गई लकड़ियों को जब्ती किया है। तथा जितने वन भूभाग में अवैध लकड़ी कटाई हुई उसका जांच की जा रही है फिलहाल विवेचना जारी है, इस प्रकरण में संलिप्त कई लोगों के पर भी कार्रवाई होगी।