तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी इस साल किसानों के लिए सिर दर्द बन रही है। क्योंकि खरीदी की तिथि में पहलें ही देरी हुई और 1 दिसंबर से खरीदी होनें के 25 दिनों में ही बंद की स्थिति हो गई है। इसकी वजह परिवहन में लेटलतीफी व बारदाना संकट है। क्योंकि अधिकतर केंद्रों में स्टॉक से अधिक की खरीदी हो चुकी है और अब धान रखनें के लिए जगह नहीं बची है। वहीं बारदाना संकट तो खरीदी से पहलें की गहराया था। हालात ऐसे है कि किसानों से बारदाना खरीदना पड़ रहा है। लेकिन मार्केट रेट से कम में बारदाना खरीदनें की वजह से किसान बेचना नहीं चाह रहे है। प्रत्येक बारदाना के पीछे किसान को 25-30 रूपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए टोकन मिलनें के बाद भी किसान धान लेकर सोसायटी नहीं जा रहे है। इधर राज्य स्तर पर ही बारदाना कमी के चलतें अब सप्लाई भी नहीं हो रही है। ऐसे में किसानों के सामनें एक नई चुनौती आ गई है। पहलें तो परिवहन व्यवस्था में देरी के चलतें खरीदी बंद करनें की नौबत आ रही है। अब तक कुछ ही सोसायटियों में मिलर्स ने उठाव प्रारंभ किया है। जबकि मार्कफेड ने तो डिलीवरी षुरू ही नहीं की है। ऐसे में सारें खरीदी केंद्र स्टॉक से अधिक हो गए है। ब्लॉक के ढ़ारा व अछोली केंद्र में तो 6 दिनों से खरीदी बंद है। वहीं दो दिनों के बाद अन्य केंद्रों में भी यहीं स्थिति बनेगी। यह पहली बार हो रहा है कि परिहवन व बारदाना की कमी के चलतें सारें केंद्र महीनें भर के भीतर ही बंद के कगार पर है। इधर किसान बारदाना देनें को तैयार नहीं है क्योंकि उन्हें प्रत्येक बारदानें के पीछे 25-30 रू का नुकसान हो रहा है।
जानिए, ब्लॉक में खरीदी की कैसी ही स्थिति- ब्लॉक के अंतर्गत डोंगरगढ़, लालबहादुर नगर व मोहारा बैंक के अधीन आनें वाली सभी सोसायटियां लगभग बंद होनें के कगार पर है। क्योंकि उठाव की गति धीमी व बारदाना कमी के चलतें ऐसी स्थिति बन रही है। पर्यवेक्षक रामकुमार यादव ने बताया कि दो केंद्र पहलें ही बंद है। दो दिनों के बाद दो और केंद्र में खरीदी बंद हो जाएगी। पर्यवेक्षक दुर्गा नागपुरे ने बताया कि सभी केंद्र में स्टॉक से अधिक धान जाम हो चुका है। उठाव नहीं होनें से कुछ ही दिनों में खरीदी लगभग बंद हो जाएगी। इसके अलावा मोहारा के अधीन आनें वाली सोसायटियों में भी ऐसे ही हालात बनें हुए है। किसानों को टोकन मिलनें के बाद भी बेच नहीं पा रहे है।
फरमानः नुकसान की भरपाई प्रबंधक ही करेंगे- इधर प्रषासन ने फरमान जारी कर दिया है। धान की सूखत व अन्य तरह से होनें वालें नुकसान की भरपाई समिति प्रबंधक ही करेंगे। मिलर्स व मार्कफेड के षर्तो के चलतें भी प्रबंधक बीच में फंसे हुए है। दोनों के अपनें अलग-अलग नियम होनें से प्रबंधकों को ही झेलना पड़ रहा है। फरमान में साफ किया गया है कि किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई की जवाबदारी समिति की रहेगी। यानी समितियों की आर्थिक हालात पर सीधा असर पड़ेगा। हमालों को भुगतान से लेकर नुकसान की जवाबदारी भी समितियों पर डाल दी गई है। इसलिए समिति प्रबंधक खासें परेषान है।
ब्लॉक में 25 प्रतिषत किसान ही बेच पाएं है धान- 1 से 24 दिसंबर के बीच डोंगरगढ़ ब्लॉक के 25 प्रतिषत किसान ही धान बेच पाएं है। जबकि करीब महीनें भर में 75 प्रतिषत किसानों को धान बेचना है। ऐसे में किसान चिंतित है कि समय रहतें उनका धान बिक पाएगा भी या नहीं? खरीदी प्रारंभ होनें के बाद टोकन को लेकर जमकर हंगामा मचा। व्यवस्था बनानें के बाद टोकन वितरण तो हो रहा है, लेकिन टोकन तिथि में भी धान नहीं बिक रहा है। कई किसान सोसायटी में धान लेकर जानें के बाद बिना बेचे ही लौट रहे है। महीना खत्म होनें से पहलें ही सभी केंद्रों में खरीदी बंद करनें की नौबत आ गई है। ऐसे में किसानों की चिंता भी जायज है।
रकबा को लेकर भी समस्या बरकरार, पटवारी हड़ताल पर- खरीदी में गिरदावरी सर्वे को आधार बनानें से भी इस बार किसानों की ही समस्या बढ़ गई है। क्योंकि पर्चा में दर्ज रकबा व गिरदावरी सर्वे में कम रकबा दर्षानें से किसान अपनी पूरी उपज बेचनें से वंचित हो रहे है। इधर खरीदी के दौरान ही पटवारियों के अनिष्चितकालीन हड़ताल पर चलें जानें से रकबा सुधरवानें के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है। हड़ताल पर होनें से काम-काज करनें से पटवारियों ने मना कर दिया है। इसलिए भी किसानों को रकबा सुधारें बिना ही अपनी उपज बेचनी पड़ रही है जो किसानों को सीधा नुकसान हो रहा है।
बहुत जल्द स्थिति सामान्य होगीः भोई- एसडीएम अविनाष भोई ने बताया कि परिवहन में देरी व बारदाना कमी के चलतें कुछ केंद्रों में खरीदी बंद है। समिति प्रबंधकों से चर्चा कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। मार्कफेड भी बहुत जल्द उठाव प्रारंभ कर देगा। बहुत जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी।
फोटो डीजीजी 03 केंद्रों में उठाव नहीं होनें से धान खरीदी बंद हो रही।