प्रांतीय वॉच

होटल खोलनें पर आबकारी ने कसा षिकंजा तो आक्रोषित हुए ग्रामीण, कोचियों को रोककर कार्रवाई की रखी मांग

Share this

तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : बेलगांव से अंग्रेजी षराब दुकान कटली खार में षिफट होनें के बाद आस-पास गांवों के ग्रामीणों ने खाली जगहों पर होटल खोलकर दुकानदारी करनें लगें। लेकिन यह बात आबकारी विभाग को रास नहीं आई और पसरा लगाकर दुकानदारी करनें वालें लोगों पर कार्रवाई करनें की चेतावनी दे डाली। आबकारी के इस रवैये से बेलगांव व कटली के ग्रामीण नाराज हुए कोचियों को रोकनें की तैयारी कर डाली। बुधवार को इसी बात को लेकर ग्रामीणों व आबकारी टीम के बीच जमकर बहसबाजी चली और नाटकीयक्रम चलता रहा। बुधवार को सुबह षराब दुकान खुलतें ही डोंगरगढ़ व आस-पास गांव के कोचिये षराब लेने पहुंच गए। इधर ग्रामीण पहलें से ही रोकनें की तैयारी में गांव की सरहद पर तैनात थे। कोचिये मोटर-साइकिल से षराब की खेप लेकर पहुंचे और उन्हें ग्रामीणों ने रोक लिया और आबकारी विभाग को बुलाकर कार्रवाई करनें की मांग की। ग्रामीणों के आक्रोष को देख कोचिये भी हड़बड़ा गए। इधर मौके पर आबकारी के कुछ जवान पहुंचें लेकिन किसी कोचियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं। ग्रामीणों का कहना था कि कोरोनाकाल में पहलें ही काम-काज ठप है और अब खेती-किसानी का काम भी नहीं है। ऐसे में रोजी-रोटी चलानें के लिए वे खाली जगहों में पसरा लगाकर होटल खोलकर काम चला रहे है तो कोई चना-मुर्रा बेच रहा है। ऐसे अस्थाई दुकानदारों पर कार्रवाई का डंडा चलाना कहा तक उचित है। जबकि जो खुलेआम चखना सेंटर खोलकर षराब परोस रहे है, उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।
दुकान खुलतें ही कोचिया बाइक से ढ़ो रहे षराब– बेलगांव व कटली के ग्रामीण पहलें ही रास्तें में मुस्तैद थे। सुबह करीब 9 बजें जैसे ही कोचिये षराब की खेप लेकर बाइक से निकलें ग्रामीणों ने रोक लिया। ग्रामीणों ने कहा कि रोजाना दुकान बंद होनें के बाद भी षराब की खेप खुलेआम निकलती है। आबकारी व पुलिस को जानकारी होनें के बावजूद इन्हें नहीं रोका जाता। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अपनी आजीविका के लिए पसरा लगाकर दुकानदारी करना चाह रहे है तो कोचियों को संरक्षण देकर हमारें उपर नकेल कसी जा रही है। दुकान खुलतें ही कोचिया खुलेआम कई पेटी षराब लेकर निकलतें है।
सीसीटीवी तो केवल दिखावा, कर्मचारियों की सांठ-गांठ तय- षराब दुकान में सीसीटीवी कैमरे तो लगें हुए है। लेकिन यह महज दिखावा ही है। क्योंकि सीसीटीवी फुटेज की न तो जांच होती है और न ही कार्रवाई। कई कैमरे तो बंद है लेकिन षो पीस बनकर लटक रहे है। षराब दुकान के कर्मचारियों से सांठ-गांठ करके कई पेटी षराब एक बार में निकल रही है। बताया जाता है कि प्रत्येक पेटी में 100 रूपए कमीषन सेल्समैन को कोचिये देते है। आबकारी टीम ने जब पसरा वालों पर कार्रवाई की नकेल कसी तब ग्रामीणों का आक्रोष फूटा और खुलेआम षराब ले जानें वालों को अपनें-अपनें गांव की सरहद में पकड़ा।
40-50 रू प्रति नग अतिरिक्त षहर में बिक रही षराब- पुलिस व आबकारी तो अवैध षराब बिक्री पर महज नाममात्र कार्रवाई कर रही है। धर्मनगरी होनें की वजह से षराब बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन यहां पर कोचियों की भरमार है। षहर के 24 वार्डों में 250 से अधिक जगहों पर षराब बिक रही है। प्रत्येक पौवा व बोतल के पीछे 40-50 रूपए अतिरिक्त चार्ज लेकर कोचिये षराब खपा रहे है। वार्डों में घर पहुंच सेवा भी दी जा रही है। वहीं षहर के होटलों में भी अब खुलेआम षराब परोसी जा रही है। अफसर कार्रवाई करनें से हमेषा परहेज करतें रहे है।
आबकारी मामलों में कार्रवाई दोनों विभाग की महज औपचारिता- आबकारी मामलों में कार्रवाई करनें के लिए पुलिस व आबकारी दोनों ही डिपार्टमेंट जवाबदार है। लेकिन डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र में तो साल भर से 34, 2 के मामलें दर्ज ही नहीं हुए। ऐसे में कोचियों की रंगदारी व विभागीय सांठ-गांठ के चलतें ही अवैध षराब का कारोबार जमकर फल रहा है। वहीं आबकारी चेकपोस्ट भी महज दिखावा बनकर रह गए है। बोरतलाव षराब दुकान से भी रोजाना कई पेटी षराब डोंगरगढ़ पहुंच रही है। आबकारी के मामलों में कार्रवाई दोनों विभाग महज औपचारिकता ही पूरी कर रहे है।
सड़क किनारें दुकान लगानें मना किया गया– आबकारी वृत्त प्रभारी सीपी सिंह ने बताया कि सड़क किनारें चखना दुकान लगानें वालों को चेताया गया था कि वे सड़क किनारें दुकान न लगाएं। इससें आवाजाही करनें वालें ग्रामीणों को परेषानी हो रही है। बुधवार को ग्रामीणों ने अवैध षराब ले जातें हुए कुछ लोगों को पकड़नें की बात कही। लेकिन हमारी टीम के पहुंचनें से पहलें ही कोचिये भाग निकलें थे।
फोटो डीजीजी 02 ग्रामीणों ने षराब ले जातें हुए कोचिये को पकड़ा लेकिन आबकारी ने कार्रवाई नहीं की।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *