रायपुर । कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को भारत बंद को लेकर छत्तीसगढ़ स्वस्फूर्त बंद रहा हालांकि सत्ताधारी कांग्रेस के सााि ही विपक्ष के नेता भी सुबह से बंद को लेकर सड़कों पर उतर आए थे। पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के चलते राज्य में कहीं से कोई अप्रिय घटना की शिकायत दोपहर तक नहीं मिली थी। केन्द्र के कृषि कानूने के विरोध में भारत बंद को लेकर राज्य के सीाी शहरों में नेताओं ने बंद की अगुवाई की। राजधानी रायपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संसदीय सचिव विधायक और महापौर ने बंद का मोर्चा सम्हाला हुआ था।
सोमवार को छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कार्मस के द्वारा बंद को समर्थन दिए जाने की घोषणा के बाद से ही शहर में सुबह से ही बंद के हालात थे। गली- मोहल्लों में दुकानें थेड़ी देर के लिये अवश्य खुली लेकिन बाद में ग्राहकी नही होने पर वे भी बंद कर घरों को लौट गए। बंद को लेकर राजधानी में सुबह 6.30 बजे से पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम संसदीय सचिव विकास उपाध्याय उत्तर के विधायक कुलदीप सिंह जुनेजा महापौर एजाज ढेबर सुबह 6.30 बजे सड़क पर उतर कर जो सुबह से दुकान खुल जाती है उन्हें बंद कराने की विनम्रतापूर्व अपील करते नजर आये। बंद के चलते सब्बजी विके्रता किसानों ने भी अपना व्यवसाय बंद रखा। पेट्रोल पंप भी नहीं खुले आवश्यक सेवाओं में मेडिकल व अस्पताल खुले रहे। किसानों की तरह वेशभूषा में सजे कांग्रेस के नेता ट्रेक्टरों पर शहर में गश्त कर रहे हैं और दुकानदारों से बंद को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। बंद को देखते हुए प्रशासन ने शहर में चप्पे- चप्पे पर पुलिस बल को तैनात कर दिया था।
बिलासपुर जिले के रतनपुर में बंद कराने को लेकर सुबह से ही सत्ताधारी पार्टी के नेता सड़क पर उतर आए थे। इस दौरान जो दुकानें खुली हुई थी उन्हें भी इन नेताओं ने अपील कर बंद करने को कहा। रतनपुर व्यापारिक संगठन ने बंद को पहले से समर्थन देने की घोषणा की थी । अलबत्ता बिलासपुर में कुछ इलाकों में बंद कराने को लेकर अवश्य बहस का नजारा कुछ समय तक देखने को मिला लेकिन इसके बाद बंद को उन्होंन अपना समर्थन दिया। राज्य के सभी बड़े शहरों दुर्ग, भिलाई, राजनांगांव, जगदलपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपाख् कोरबा, रायगढ़ अंबिकापुर, सरगुजा, जशपुर में भी पूर्ण बंद शांतिपूर्वक रहा। राजनांदगांव में भारत बंद को सफल बनाने कांग्रेस पार्टी के नेता व कार्यकर्ता सड़क पर सुबह से ही बंद के समर्थन में रैली के साथ निकले। सोमवार की रात में व्यापारिक संगठन ने बंद को समर्थन देने का आह्वान किया था जिसके चलते सुबह से ही प्रमुख बाजार बंद रहे। बंद कराने निकली रैली में महिला मोर्चा भी शामिल रहा जहां दुकाने खुली दिखी उनसे बंद करने की अपील की गई। कृषि कानून के विरोध में राजनांदगांव स्वस्फूर्त बंद रहा कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।