- उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की सुचारू व्यवस्था हो
समैया पागे/ बीजापुर : इस वर्ष का धान की फसल की खरीदी प्रक्रिया 1 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है ।लेकिन पीड़ा के साथ स्मरण कराना चाहूंगा ,कि विगत सत्र में शासन की धान खरीदी व्यवस्था काफी लचर रही थी। प्रदेश भर में किसानों के साथ बर्बरता व्यवहार भी किया गया ,प्रदेश में किसानों की ही चुनी हुई सरकार द्वारा जिस तरह से किसान प्रताड़ित किए गए, वह एक दुखद अध्याय था। विगत वर्ष के पुराने अनुभवों के आलोक से सरकार से भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई बीजापुर मांग करती है कि धान के कीमत की कुल राशि एकमुश्त दिया जाए। देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानून में यह स्पष्ट रूप से तय किया है ,कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य 3 दिनों के भीतर मिल जाए। 15 वर्ष के भाजपा शासन में हमेशा किसानों को 24 घंटे के भीतर उपज का भुगतान होता रहा लेकिन अफसोस की बात है कि इस बार पिछले फसल की ही पूरी कीमत का भुगतान अब तक नहीं हुआ है इस वर्ष से केंद्र के नए कानून का पालन करते हुए 72 घंटे के भीतर एकमुश्त भुगतान करना सुनिश्चित करें। प्रति एकड़ न्यूनतम 20 क्विंटल धान खरीदा जाए। केंद्र की भाजपा सरकार ने केंद्रीय पूल में डेढ़ गुना अधिक चावल खरीदने की घोषणा की है अब केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से 60 लाख टन चावल क्रय करेगी। केंद्र से चावल के इस मद में 9 हज़ार करोड़ रुपया हाल में ही प्रदान किया गया। 60 लाख टन चावल के लिए 90 लाख टन धान की जरूरत होगी, जिस कारण खरीदी की सीमा को 15 क्विंटल बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ किया जाए। बारदाने की उचित व्यवस्था हो—विगत वर्ष बारदाने की अभाव को लेकर किसानों को भारी अव्यवस्थाओं के दौर से गुजरना पड़ा शासन प्रशासन इस विषय पर गंभीर चिंतन करें और किसानों को बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था करवाएं। टोकन जारी पद्धति व्यवस्थित करें। टोकन जारी सभी किसानों को व्यवस्थित ढंग से करें विगत वर्ष शासन प्रशासन की गंभीर लापरवाही के चलते टोकन जारी के बावजूद किसानों का धान खरीदा नहीं गया इस वर्ष ऐसी परिस्थिति निर्मित ना हो सभी किसानों का दाना दाना धान खरीदा जाए। धान का रकबा घटाना अनुचित सरकार अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर दी किसानों का कम से कम धान खरीदी हो इस वजह से गिरदावरी के बहाने रकबा घटाने की कवायद शुरू की सरकार दाना दाना धान खरीदी के अपने कर्तव्य से बचने की ऐसी कोशिश की गई लेकिन अब किसान विरोधी ऐसी किसी भी कोशिश को स्वीकार नही किया जायेगा और किसानों का रकबा एक इंच भी नही कम किया जाये। भंडारण-परिवहन के नाम पर अब किसानों की प्रताडना न हो,पिछले वर्ष धान के भंडारण और परिवहन के नाम पर किसानों के साथ अत्याचार हुआ था। किसानों के साथ कांग्रेस सरकार ऐसे पेश आ रही थी मानो धान का नही भांग गांजे की खेती कर ली हो। केंद्र की मोदी सरकार ने कानून बनाकर अब सभी किसानों को भंडारण परिवहन की आज़ादी दी गई है।केंद्र के कानून का पालन करते हुए किसानों को भंडारण परिवहन के नाम पर अब परेशान न करें। 2 साल का बकाया बोनस राशि एवं शेष बकाया अंतर राशि भी त्वरित जारी करें। धान उपार्जन केंद्रों में उत्पन्न किसी भी प्रकार के अव्यवस्थाओ की जिम्मेवारी शासन,प्रशासन की होगी। जिसका भाजपा घोर विरोध कर किसानों की हो रहे अन्याय के खिलाफ आंदोलन करने तत्पर रहेगी ।