तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : समर्थन मूल्य पर आज से केंद्रों में धान खरीदी षुरू होगी। किसानों की सहुलियत व भीड़ को नियंत्रित करनें के लिए सात नई सोसाइटियों का गठन हुआ है। वहीं एक नए उपार्जन केंद्र की भी बढ़ोतरी हुई है। ब्लॉक के 20 सोसाइटियों के अलावा रेंगाकठेरा उपार्जन केंद्र में धान खरीदी जाएगी। इधर कोरोनाकाल के चलतें जूट का प्रोडक्षन सुस्त रहा। इसलिए बारदानों की संकट खरीदी से पहलें ही सामनें आ गई थी। लेकिन सरकार ने व्यवस्था बनानें के लिए सभी केंद्रों में सप्ताह भर का बारदाना आवंटित कर दिया है। लेकिन सप्ताह भर बाद यदि बारदाना की सप्लाई नहीं हुई तो खरीदी पर सीधा असर पड़ेगा। राज्य स्तर पर बारदाना की किल्लत बनी हुई है। कोरोनाकाल से जूट उत्पादन पर असर पड़ा। इसका नतीजा यह रहा कि धान खरीदी से पहलें बारदाना की संकट आ गई। सरकार को उचित मूल्य की दुकानों से बारदाना खरीदकर व्यवस्था बनानी पड़ रही है। राषन दुकानों से चांवल व षक्कर के बोरे खाली होनें के बाद प्रति नग के हिसाब से षासन ने खरीदी की। इसे ही व्यवस्था के तौर पर केंद्रों को करीब सप्ताह भर के हिसाब से आवंटित कर दिया है। इधर पहलें दिन खरीदी की औपचारिकता होगी। इसलिए सीमित किसानों को ही टोकन का वितरण किया गया है। जबकि टोकन के इंतजार में किसान रोजाना सोसाइटियों के चक्कर लगा रहे है। महीनें भर से पैदावार को घर में सुरक्षित रखकर बेचनें के इंतजार में किसान मषक्कत कर रहे है।
मौसम की मार के बावजूद बंपर पैदावार– मौसम की मार व बेमौसम बारिष के बावजूद इस साल धान की बंपर आवक होगी। क्योंकि बुआई के बाद लंबे समय तक बारिष नहीं होनें से सूखा पड़नें की संभावना थी। किंतु पर्याप्त बारिष होनें से बीज अंकुरित हो गया। इसके बाद भी मौसम में उतार-चढ़ाव देखनें को मिला। लेकिन पैदावार पर खासा असर नहीं पड़ा है। इसलिए खरीदी के पहलें दिन से ही केंद्रों में धान की बंपर आवक पहुंचेगी। खरीदी में महीनें भर देरी होनें के बाद से किसान पहलें बेचनें की जुगत में पर्चा लेकर टोकन के लिए मषक्कत कर रहे है।
गिरदावरी रिपोर्ट बनेगी खरीदी के लिए आधार- हालांकि राज्य षासन ने इस बार खरीदी में पर्चा में दर्ज रकबा को आधार न बनाकर पटवारियों की गिरदावरी रिपोर्ट को प्रमाणित माना है। यानी खेतों में जितनें रकबे में धान की बुआई हुई थी उतनें ही रकबा का धान किसान सोसाइटियों में बेच सकेंगे। क्योंकि पर्चा को आधार बनानें पर बिना बुआई के दूसरें किसानों का धान भी किसी भी किसान के पर्चा में बिक जाता था। इसलिए इस साल सरकार ने बुआई के बाद पटवारियों को गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करनें के लिए कसावट के साथ डाटा तैयार कराया। रिपोर्ट का मिलान खरीदी केंद्र के सॉफटवेयर में होगा और रिपोर्ट को आधार मानकर सोसाइटी धान खरीदेगी।
बॉर्डर के केंद्रों पर रहेगी विषेश निगरानी- धान खरीदी केंद्रों में दूसरें राज्यों का धान न पहुंचें इसके लिए बॉर्डर के केंद्रों में विषेश निगरानी रखनें के निर्देष दिए गए है। इसके लिए कृशि व राजस्व विभाग के अफसरों की उड़न दस्ता टीम बनाकर लगातार मॉनीटरिंग करनें कहा गया है। खासकर बोरतलाव व सीतागोटा केंद्र जो महाराश्ट्र सीमा से लगी हुई है। यहां पर पड़ोसी राज्य का धान खपनें की संभावना रहती है। इसलिए सीमा से लगें हुए केंद्रों में उड़नदस्ता की विषेश नजर रहेगी। अफसरों ने खरीदी से पहलें केद्रों का दौरा करके व्यवस्थाओं की पड़ताल कर ली है।
कोरोना के चलतें यह नियम भी इस बार– धान खरीदी केंद्रों में किसानों को मास्क लगाकर धान बेचनें पहुंचना पड़ेगा। इसके अलावा केंद्रों में काम करनें वालें कर्मचारियों को भी मास्क पहनकर काम करना होगा। केंद्रों में सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी। लेकिन व्यवस्था बनानें में समितियां अब तक नाकाम ही रही है। टोकन वितरण की अफवाह उड़नें के बाद ही सोषल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी और मास्क लगाकर किसान नहीं पहुंचें। अब देखना होगा कि खरीदी में नियमों का कितना पालन हो पाता है।
केंद्रों में बारदाना पहुंच चुका हैः भोई- एसडीएम अविनाष भोई ने बताया कि खरीदी को लेकर तैयारियों का जायजा लिया गया है। सभी केंद्रों में बारदाना पहुंच गया है। इसके अलावा समिति प्रबंधकों को टोकन वितरण में पारदर्षिता बरतनें व कोविड-19 के नियमों का पालन करतें हुए खरीदी करनें के निर्देष दिए गए है। केंद्रों की निगरानी के लिए उड़न दस्ता टीम का भी गठन कर दिया गया है।
फोटो डीजीजी 02 अछोली सोसाइटी के चबूतरा में रखा बारदाना का इतना ही स्टॉक पहुंचा है जो नियमित खरीदी के लिए पर्याप्त नहीं है।