किरीत ठक्कर/ गरियाबंद : एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि समर्थन मूल्य में की जा रही धान खरीदी में किसानों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जायेगा , दूसरी ओर जिले के मैनपुर विकाशखण्ड के सरनाबहाल क्षेत्र के किसान आज हैरान परेशान होकर कलेक्ट्रेट तक आंदोलन की चेतावनी और परेशानी की गुहार लगाने पहुंचे। ये किसान हैरान इसलिये हुये की इन्होंने मैनपुर विकाशखण्ड में संचालित अमलिपदर सहकारी समिति को विभक्त कर सरनाबहाल और मूडगेलमाल में दो नई समितियां बनाने की मांग की थी व प्रस्ताव भी दिया था किंतु सिर्फ मुड़गेलमाल में नई समिति सृजित की गई ? और अब ये किसान परेशान इसलिये हुये की सरनाबहाल और इसके आसपास के गांवों को नवसृजित मुड़गेलमाल समिति में जोड़ दिया गया जबकि सरनाबहाल से मुड़ गेल माल काफी दूर है बल्कि अब किसानों को पुरानी अमलिपदर समिति से होकर मुड़गेलमाल जाना पड़ेगा। इन बदली हुई परिस्थित के पूर्व कई बार क्षेत्र के किसानों ने उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है , नई समिति नही बनने की सूरत में सरनाबहाल में धान उपार्जन केंद्र खोलने की मांग रखी गई जिस पर प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल का आश्वासन भी मिला ,किन्तु कल 24 नवम्बर को शासन द्वारा जारी की गई नवीन धान खरीदी केंद्रों की सूची में सरनाबहाल का नाम नही आने से इस क्षेत्र के किसान स्वयं को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरनाबहाल तथा इसके आसपास के गांवों में 15 सौ से अधिक किसान है। करीब 150 की संख्या में पहुंचे किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपतें सरनाबहाल में दो दिन के अंदर धान खरीदी केंद्र नही खुलने की स्थिति में नेशनल हाईवे धुर्वागुड़ी में चक्का जाम की चेतवानी दी है।
प्रस्ताव भेजा गया था सरनाबहाल का
इस मामले में जिला कलेक्टर की ओर से किसानों से ज्ञापन लेने पहुंचे एडीएम जे आर चौरसिया ने बताया कि कलेक्टर खाद्य शाखा की ओर से शासन को सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र खोलने प्रस्ताव प्रेषित किया गया था , अनुविभागीय अधिकारी( रा) मैनपुर द्वारा सरनाबहाल में खरीदी केंद्र खोलने खसरा नं 127 रकबा 0 . 45 हेक्टेयर का स्थल चयनित किया गया तथा परीक्षण उपरांत प्रतिवेदन पर सहमति भी दी गई , इसके बावजूद छ ग शासन द्वारा सरनाबहाल में खरीदी केंद्र क्यो नही खोला गया हम कुछ नहीं कह सकते , सरकार के कामकाज की समीक्षा करने में कलेक्टर या हम सक्षम नहीं है। हमने आपकी मांगो को सरकार तक पहुंचा कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
क्षेत्र के कांग्रेस नेता व जिला पंचायत के उपाध्यक्ष संजय नेताम ने किसानों की ओर से कहा कि जब स्थानीय प्रशासन द्वारा उस स्थान का नाम नही दिया गया , जिस स्थान पर अब नवीन खरीदी केंद्र खुल रहा है तो फिर वहां खरीदी केंद्र खोले जाने की स्वीकृति कैसे मिल गई ?
सोसायटी पुनर्गठन पर ग्रामीणों दर्ज कराई थी दावा आपत्ति
अमलिपदर सहकारी शाख समति द्वारा मुड़गेलमाल को नवीन समिति बनाने के लिए किये गये प्रस्ताव पर सरनाबहाल क्षेत्र की ग्राम पंचायतों धनोरा चिखली घुमरापदर के ग्रामीणों द्वारा अधिसूचना जारी होने के पश्चात संबंधित विभाग को ई-मेल से दावा आपत्ति प्रेषित की गई थी किन्तु निराकरण हो नही पाया , जिस पर 6 नवम्बर को पुनः सहायक पंजीयक कार्यालय में ग्रामीणों ने आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किया था।
अब सरनाबहहल क्षेत्र के किसानों की मांग है कि सुदूर वनांचल क्षेत्र के आदिवासी किसानों की परेशानी को समझते हुए प्रशासन यदि तत्काल सरनाबहाल में उपार्जन केंद्र नही खोल सकते तो कम से कम हमे वर्तमान अमलिपदर समिति में यथावत रखा जाये। कलेक्टर कार्यालय पहुंचे करीब 150 किसानों के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम जिला पंचायत सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम श्रीमती धनमती यादव देवभोग सरपंच संघ अध्यक्ष राजकुमार प्रधान बरबहाली सरपंच सुमित्रा सिन्हा बनसिंग नेताम आदि सम्मिलित थे।