- उद्यानिकी जैसे फसल नकदी होने के कारण रोज पैसा कमा रहे हैं किसान
समैया पागे /बीजापुर : जिले के पापनपाल निवासी कृषक पागे सम्मा पूरी तन्मयता के साथ कृषि कार्य में लगा हुआ है। इसकी मेहनत और लगन के साथ-साथ शासन की विभिन्न योजनाएं इन्हे सफल कृषक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जिससे कृषक श्री पागे सम्मैया पागे अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी करने के साथ एक बेहतर जीवन स्तर जी रहा है। कृषक पागे बताते हैं कि उनके पास 5 एकड़ कृषि भूमि है। जिस पर धान की खेती करता है। उसके अतिरिक्त एक एकड़ कृषि भूमि पर उद्यानिकी फसल लेता है। इस एक एकड़ भूमि पर शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए अपनी आजीविका को बढ़ाया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन पर उन्नत कृषि कर रहा है। पागे ने बताया कि सबसे पहले तो मुझे आत्मा योजनातंर्गत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान भ्रमण भी कराया गया। जिससे मैं उद्यानिकी फसल लेने के लिये प्रोत्साहित हुआ फिर मेरे खेत में एक एकड़ कृषि भूमि को शासकीय योजनाओं के तहत् तार फेंसिंग किया गया जिससे मेरा खेत जानवरों की चराई से सुरक्षित है। उद्यानिकी विभाग द्वारा मेरे खेत में बोर कराया गया। इसके बाद मुझे कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्नत बीज प्रदान किया गया, और अभी हाल ही मेरे कृषि कार्य को देखते हुए बेहतर सिंचाई हेतु स्प्रिंकलर भी प्रदान किया गया है। इस तरह प्रशासन द्वारा कृषि को बढ़ावा देने एवं मुझे प्रोत्साहित करने विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिससे आजीविका को बढ़ाया हॅू और अपने जीवन स्तर में काफी सुधार किया हूॅ। मैंने उद्यानिकी फसलों की कमाई से बाजारों में सब्जी लाने ले जाने हेतु दो पहिया वाहन भी खरीदा इस तरह मैं सही समय पर आसानी से बाजार पहुंच जाता हूॅ। सब्जी बेचने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है। मैंने सब्जी की कमाई से ही पिछले महीने मिनी राईस मिल भी खरीदा है जिससे मेरी छोटी-छोटी जरूरतों की पूर्ति मिनी राईस मिल की कमाई से हो रही है। उम्मीद है कि इससे मैं आगे भी अपने कुछ खर्चाे की पूर्ति कर पाऊंगा। बचे हुये 4 एकड़ कृषि भूमि पर धान की खेती करता हूं। पिछले वर्ष मैंने 70 क्विंटल धान का उत्पादन किया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 2500 रूपये क्विंटल में धान खरीदकर उनकी शेष राशि भुगतान भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् मुझे 3 किस्तों में 36 हजार रुपए मिल चुका है। यह राशि कोरोना काल के दौरान मेरे लिये वरदान साबित हुआ। जिससे मैं उक्त राशि को अपनी कृषि कार्य में लगाया। इस तरह कृषि ही मेरी आजीविका का एकमात्र साधन है। जिसे मैं पूरी मेहनत और लगन से करता हूॅ। मुझे किसी भी प्रकार की कृषि से संबंधित मार्गदर्शन की आवश्यकता होने पर विभागीय अधिकारियों द्वारा मेरा सहयोग एवं मार्गदर्शन किया जाता है। अभी मैं अपनी बाड़ी में गोभी, बैंगन, टमाटर सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियां लगाया हूं। साग-सब्जी में प्रति मौसम 60-70 हजार तक खर्चा काट के मुनाफा कमा लेता हूं। इस तरह मैंने अपने परिवार की जरूरतों की पूर्ति कृषि से ही बहुत आसानी से करने सहित खुशहाली की ओर अग्रसर हुआ हॅू।