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डेढ़ वर्षीय हृदय रोगी बच्चे का चिरायु से हुआ सफल ऑपरेशन

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(पिथौरा ब्यूरो) स्वप्निल तिवारी । विकासखण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिरायु विभाग राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम को जांच के दौरान ग्राम लाटादादर में डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे लोकेश भोई पिता रंजीत भोई की तकलीफ सुनने के बाद जब उसका जांच किया तो बच्चे में जन्मजात हृदय रोग पाया गया, चिरायु दल द्वारा बिना देरी किये जिला सलाहकार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ मुकुंद राव के निर्देशन में व खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ तारा अग्रवाल के मार्गदर्शन में तत्काल बच्चे को उचित उपचार व जांच हेतु सत्य साईं हॉस्पिटल नया रायपुर ले जाया गया।जहाँ इको जांच उपरांत बच्चे को ऑपरेशन का सलाह दिया गया।कोरोना की ड्यूटी के साथ साथ बच्चे के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए चिरायु दल प्रभारी डॉ वीरेंद्र प्रजापति व फार्मासिस्ट लेखरंजन पटेल ने ऑपरेशन की तारीख आते ही तुरंत बच्चे को चिरायु वाहन से रायपुर ले जाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया और बच्चे का सफल ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद चिरायु दल पिथौरा के डॉ प्रजापति,डॉ तनुजा चंद्राकर,ए. एन. एम. राजकुमारी बंजारे ,फार्मासिस्ट लेखरंजन पटेल , बेनुराम सिन्हा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अहिल्या प्रधान ने बच्चे के घर जाकर उसकी दादी व बच्चे के माँ से मिलकर बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।बच्चा अभी पूर्णतया स्वस्थ है बच्चे की बुजुर्ग दादी बहुत खुश है कि उनका पोता लोकेश अब स्वस्थ है।इस बीमारी के संबंध में आयुष चिकित्साधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रजापति ने बताया कि कुछ न कुछ कमियों के कारण बच्चे में जन्मजात विकृति हो जाती है। इन्हीं में से एक है-जन्मजात हृदय विकार । इसके होने से बच्चे के जीवन की गुणवत्ता में काफी प्रभाव पड़ सकता है। जानकारी के अभाव में इसके इलाज में भी काफी दिक्कतें हो सकती हैं। जन्मजात हृदय विकार को लेकर लोगों में कई प्रकार की भ्रांतियां हैं। जबकि सच्चाई कुछ और ही है यदि सर्जरी से उनके विकार ठीक कर दिए जाएं तो जन्मजात हृदय विकार वाले अधिकांश बच्चे एक सक्रिय जिंदगी जी सकते हैं।

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