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पानी में डूबने से बच्ची की हुई मौत, फाइलों में ही दर्ज हुआ मौत का कारण

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  •  शासन के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का नहीं मिल पाया गरीब परिवार को लाभ 

 प्रकाश नाग/ केशकाल । धनोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक के बाद एक घटनाएं सामने आ रही है जिस पर स्थानीय लोग हो या शासन प्रशासन के अधीनस्थ कर्मचारी जिनकी लापरवाही के चलते आम जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा । ग्राम छोटेओड़ागांव में एक युवती के आत्महत्या के बाद शव को दफन किया गया था उसी प्रकार के एक और मामला उजागर हुआ है जहां पर नाबालिग बच्ची के द्वारा  पानी में डूबने से मौत हो गई थी  पुलिस को नहीं दिया गया और दफन किया गया जिसके चलते  उस परिवार को शासन के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।

 बताया जाता है कि 23 जुलाई 2020 को ग्राम छोटेओडागांव के गरीब आदिवासी सींगलू की नन्ही बच्ची पानी में डूबकर मर गयी थी। जिसकी सूचना न पुलिस थाना को दिया गया था और न उसका पोस्टमार्टम हो पाया था। और उस बच्ची के शव को दफनाया गया । लेकिन उक्त घटना की जानकारी ग्राम पंचायत और स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य  कार्यकर्ता अपने विभागीय पंजी में जरूर इसकी जानकारी दर्ज कर लिया गया जो अबतक विभाग के फाइलों में ही दब गया । ग्राम स्तर के अधिकारी कर्मचारी को घटना के बारे में पूरी जानकारी होने के बाद भी गरीब परिवार को किसी भी प्रकार का शासन के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिला ।
 उल्लेखनीय है की यह वही गांव है ज़हां एक लड़की का गैंगरेप होने के बाद वह आत्महत्या कर ली थी जिसकी भी जानकारी दिये बगैर और पोस्टमार्टम कराये बगैर शव को दफन कर दिया गया था। लगभग ढाई माह बीत जाने के बाद पुलिस ने जब लाश निकलवाकर जांच शुरू किया था तब गैंगरेप जैसे की घटना उजागर हुआ और 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और जेल भेज दिए । साथ ही घटना को घटना की जानकारी छुपाने को लेकर थाना प्रभारी को निलंबित भी गया है ।
इसी तरह पानी में डूबकर मरने वाली बच्ची प्रीती के मृत्यु की भी खबर पुलिस तक क्यों नहीं दिया गया ना ही स्थानीय कर्मचारी द्वारा घटना के बारे में पुलिस को सूचना दिया गया । बार-बार शासन प्रशासन द्वारा ग्रामीण स्तर के कर्मचारियों को घटनाओं से मिलने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी दिया जाता है ।। कर्मचारियों की लापरवाही के चलते गरीब परिवारों को लाभ नहीं दिलवाया गया । ऐसे ही लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों के कारण ही कई ग्रामीणों को शासन के द्वारा दिए जा रहे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता ।
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