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राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र लकड़ी बेचकर कर रहे जीवन यापन शासकीय योजनाओं से वंचित

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  • कोरवा जनजाति के पास रोजगार गारंटी जॉब कार्ड होने के बाद भी पंचायत में नहीं मिल रहा रोजगार
जानिसार अख्तर /लखनपुर : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए सरकार की ओर से लाखों-करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं जिसके बाद भी कोरवा जनजाति के लोग आज भी मुख्यधारा में पिछड़े हुए हैं। जिनका मुख्य कारण ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव के भ्रष्ट नीतियों के कारण शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है  तथा सरकार द्वारा लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र आज भी पिछड़े हुए आज भी जंगलों पर निर्भर होकर जीवन यापन करने को मजबूर है कुछ ऐसा ही मामला लखनपुर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत लोसगी जाम जोर का है  जहां के कोरवा जनजाति के लोग मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे। कोरवा जनजाति के लोग लकड़ी बेचकर अपना गुजारा करने को मजबूर है तथा शासकीय योजनाओं से वंचित है ग्राम लोसगी के आश्रित ग्राम जाम जोर निवासी सुखसाय के द्वारा बताया गया कि लोसगी के आश्रित ग्राम जामजोर में  कोरवा जनजाति के  15 परिवार निवास करते हैं। यहां के कोरवा जनजाति के पास  रोजगार गारंटी जॉब कार्ड तो है मगर रोजगार नहीं है सुखसाय के द्वारा बताया गया कि रोजगार गारंटी के तहत इस वर्ष उन्हें सरपंच सचिवों के द्वारा रोजगार गारंटी में काम नहीं दिया गया है। इसलिए कोरवा जनजाति के लोग लकड़ी बेचकर जीवन यापन करने को मजबूर है। कोरवा जनजाति के लोगों ने शासन प्रशासन से जीविका उपार्जन  की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।
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