- एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन 60 प्रतिशत रोगी इसी बीमारी के
- हड्डी रोग विभाग ने आयोजित किया जागरूकता कार्यक्रम, एम्स की टीम विजेता
रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले औसतन 250 रोगियों में से प्रतिदिन 150 रोगी ऑस्टियोपोरोसिस रोग से पीड़ित होते हैं। इसमें हड्डियों के कमजोर हो जाने की वजह से चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। छोटी दुर्घटना पर भी कमजोर हड्डी में फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में विशेषज्ञों ने सभी से कैल्शियम युक्त आहार प्रतिदिन प्रचुर मात्रा में ग्रहण करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे पर गत दिवस एम्स के हड्डी रोग विभाग के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने ऑस्टियोपोरोसिस पर अधिक से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे इस बीमारी के दुष्प्रभावों को समझकर इसे रोकने में मदद मिल सकती है। विभागाध्यक्ष प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इसका प्रभाव महिला और पुरुष दोनों पर पड़ता है। 50 से अधिक उम्र में हड्डियों के कमजोर हो जाने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं में पोस्ट मीनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी अधिक पाई गई है। इससे हड्डियों में कमजोरी आ जाती है, घुटनों-जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है और शारीरिक असंतुलन की वजह से चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इसके लिए ऑर्थोपेडिक के साथ एंडोक्रिनोलॉजी और फिजियोथैरेपी की मदद लेने की आवश्यकता होती है। उन्होंने खाने में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों जैसे पालक आदि का प्रयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि एम्स की ओपीडी में 60 प्रतिशत रोगी इसी बीमारी के आते हैं। अतः इससे बचाव के उपाय अपनाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर एंडोक्रिनोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमृतवा घोष ने ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी के प्रबंधन के विषय में बताया। चिकित्सा छात्रों के लिए आयोजित क्विज में एम्स के विपेंद्र सिंह राजपूत और थॉमस सीरियेक की टीम को प्रथम पुरस्कार मिला। इसमें रायगढ़, जवाहलाल नेहरू मेडिकल कालेज और सिम्स की टीमों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, वित्त सलाहकार बी.के. अग्रवाल, डॉ. ऋतवन, डॉ. विक्रम केसरीकर, डॉ. के.डी. तिवारी, डॉ. रणदीप चौधरी, डॉ. हर्षल सांकले और डॉ. संदीप यादव ने भाग लिया।