जानिसार अख्तर /लखनपुर : स्थानीय पशु चिकित्सालय मैं लंबे समय से अव्यवस्था का आलम बना हुआ है विडंबना है कि पशु चिकित्सालय में दो प्रभारी डॉक्टरों के होने के बाद भी कोई डॉक्टर मुख्यालय में नहीं रहता। फकत दो फील्ड सहायक अधिकारियों के भरोसे किसी तरह पशु चिकित्सालय का कार्य निष्पादन हो रहा है पशु चिकित्सालय में पदस्थ प्रभारी डॉक्टर कभी कभार मुख्यालय में आकर दर्शन लाभ दे जाते हैं तथा अधिकतर पशु चिकित्सालय से अंतर्ध्यान ही रहते हैं। ढोर अस्पताल मैं डॉक्टरों के नही रहने कारण वक्त जरूरी में पशुपालकों को अपने बिमार मवेशियों के लिए डॉक्टरी परामर्श नहीं मिल पाता अपितु सहायक फील्ड अधिकारी कमोबेश अपने अनुभव पर पशुओं का उपचार करते हुए पशु चिकित्सालय तथा पदस्थ प्रभारी डॉक्टरों के आबरू बचाए हुए हैं। पशु चिकित्सालय में पदस्थ दो फील्ड अधिकारी कभी कभार क्षेत्र भ्रमण अथवा कार्यालयीन कार्य से कहीं अन्यत्र चले जाते हैं तो पशुपालकों को अपने बिमार मवेशी सहित बैरंग वापस घर लौटना पड़ता है स्थाई डॉक्टर के पदस्थापना नहीं होने कारण क्षेत्र के पशुपालकों को पशु चिकित्सालय से अपने बीमार पशुओं के लिए त्वरित डॉक्टरी सलाह के साथ स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पा रहा है बीमार पशुओं के उपचार कराने तथा कृत्रिम गर्भाधान के साथ पशुओं से संबंधित दुसरे समस्याओं के लिए पशुपालकों को इधर-उधर भटकना पड़ता है ढोर अस्पताल मुख्यालय में डाक्टरों का नहीं रहना एक जटिल मुद्दा है। जिसे लेकर पशु चिकित्सालय के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगा है स्थाई डॉक्टरों के पद स्थापना के साथ व्यवस्था सुधार किए जाने को लेकर क्षेत्र के पशुपालकों ने शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है।
पशु चिकित्सालय में अव्यवस्था, मुख्यालय में नहीं रहते पशु चिकित्सक
