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कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान मजदूर बचाव सम्मेलन में प्रदेश सरकार ने मजदूरो की दुर्दशा पर कोई चर्चा नहीं की: परेश बागबहरा

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  • पूर्व विधायक परेश बागबहरा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को एम.एस.पी. से कम दर पर खरीदे जाने के खिलाफ राज्यीय गारंटी अधिनियम बनाये जाने की मॉंग

रायपुर : प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य एवं वरिष्ठ पूर्व विधायक परेश बागबाहरा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से एम.एस.पी. न्यूनतम समर्थन मूल्यद्ध से कम में कृषि उपज विशेषकर धान को प्रदेश में खरीदे जाने के खिलाफ राज्यीय गारंटी अधिनियम बनाये जाने की मॉंग की । उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान से प्राप्त, राज्य सूचि के अंर्तगत प्रदत्त अधिकार अनुसार कृषि उत्पादन विपणन समिति ए.पी.एम.सी., एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी कानून के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि उपज का मिले । ये कार्य राज्य सरकार का है जिसे तुरंत अधिनियम बनाएं तथा कम में खरीदे जाने पर कड़े अपरोधिक प्रकरण बनाए जाने प्रावधानित धाराओं का समावेश किया जाए। उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा कृषि विधेयक ;केन्द्र द्वारा संशोधितद्ध का विरोध किए जाने को लोकतांत्रिक नौटंकी बताया । उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से आदरणीय पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव के लगभग 50 सालों के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों को कभी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया गया । पहली बार आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में छत्तीसगढ़ राज बनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों को धान खरीदी की सौगात दी। परेश बागबाहरा ने कांग्रेस पार्टी क इन पचास सालों में आज की कीमत पर किसानों का जो एक लाख करोड़ का स्वामीनाथन कमेटी की गणना के अनुसार, जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने की मॉंग की है तथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार से आग्रह किया कि कृषि बिल संसोधन विधेयक के संबंध में जो विधानसभा सत्र आप बुलायेंगे उसमें इस एक लाख करोड़ रूपये का कर्ज कांग्रेस कैसे और कब चुकाएगी उस पर भी चर्चा कर कानून बनाए । उन्होंने कहा कि 10 अक्टूबर को कांग्रेस ने राज्यस्तरीय किसान मजदूर बचाओं सम्मेलन का आयोजन किया था लेकिन इस सम्मेलन में प्रदेश सरकार ने मजदूरों की दुर्दशा पर कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में श्रम कानूनों के अनुसार मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है जबकि प्रदेश के 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मजदूरी पर निर्भर है । उन्होंने कोविड की इस संकटकालीन स्थिति में पॉंच सौ रूपये प्रतिदिन की मजदूरी देने की मॉंग की । उन्होंने कहा कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने भारत माता और हमारी बहादूर फौजों का इस सम्मेलन में अपमान किया है । मुख्यमंत्री जी ने अपने नेता आदरणीय राहूल गांधी के डायलॉग को बोलने के चक्कर में कहा कि चीन ने भारत का बारह सौ किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया । उन्होंने इस प्रकार के अपमानजनक बात कहे जाने के लिए माफी मांगने की मांग की ।

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