कांकेर: शहर तथा आसपास के गांव में काफी संख्या में मानसिक रोगियों के होने के बारे में पता चलने पर कांकेर ज़िले के पुलिस अधीक्षक एम आर अहिरे के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरखनाथ बघेल के मार्गदर्शन तथा एसडीओपी कांकेर श्री तस्लीम आरिफ़ के पर्यवेक्षण में थाना कांकेर क्षेत्र के ग्रामों में मानसिक रूप से रोग ग्रस्त लोगों की खोजबीन की गई और उन्हें परिजनों की अनुमति /सहमति से कांकेर लाया गया । यहां पर सबसे पहले उन आठों मानसिक रोगियों का कोरोनावायरस टेस्ट कराया गया तो उनमें से किसी को भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया । तब उन्हें छत्तीसगढ़ के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय सेंद्री बिलासपुर के लिए विशेष वाहन से पुलिस संरक्षण में रवाना किया गया। यह लोग गरीब परिवारों के हैं जो इनका अच्छा इलाज कराने में असमर्थ हैं तथा इन मानसिक रोगियों की देखरेख करने पर भी गरीब परिवारों का बहुत सा धन अपव्यय हो जाता था । इसीलिए पुलिस द्वारा इन्हें ले जाने से पीड़ित परिवारों को भी शांति मिली है तथा ग्रामीणों को भी राहत मिली है क्योंकि कभी-कभी यह पागल लोग उग्र होकर उछल कूद मचा देते थे और लोगों के साथ दुर्व्यवहार तथा उनके सामानों की तोड़फोड़ कर डालते थे और उन पर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था। इससे पहले भी 22 मानसिक रोगियों को सेंद्री बिलासपुर मानसिक चिकित्सालय कांकेर थाना की टीम द्वारा भेजा गया था मालूम हुआ है कि उनमें से कई ठीक भी हो गए हैं। इस प्रकार कांकेर पुलिस मानसिक रोगियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाकर जनता से सराहना प्राप्त कर रही है।
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