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विधानसभा के मानसून सत्र में नेताओं और शहीदों को किया गया याद, कोरोना से दिवंगत लोगों को दी गई श्रद्धांजलि

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत की अध्यक्षता में सुबह विधानसभा के समिति कक्ष में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।

मानसून सत्र के पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत प्रमोद कुमार जोगी, पूर्व मंत्री स्व.डेरहू प्रसाद  तलहरे, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, लोकसभा की पूर्व सांसद स्व.रजनीगंधा देवी और भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद जवानों और नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने दिवंगत नेताओं के व्यक्तित्व, कृतित्व और उनके योगदान का उल्लेख किया। सदन में दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्व.अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री जोगी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।

मरवाही जैसे सुदूर अंचल से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होना उनकी जीजीविषा और सक्रियता का परिचायक है। वे चाहे सत्ता में या विपक्ष में रहे प्रदेश की राजनीति उनके इर्दगिर्द रही। जोगी हमेशा कहते थे कि, मैं सपनों का सौदागर हूं। उन्होंने विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। वे हमेशा सर्वहारा वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव रखी जिसके कारण छत्तीसगढ़ के साथ गठित राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ। उनका निधन छत्तीसगढ़ के लिए अपूरणीय क्षति है।

मुख्यमंत्री बघेल ने दिवंगत पूर्व मंत्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे को याद करते हुए कहा कि, वे हमेशा अपने क्षेत्र के विकास के लिए चिंतित रहते थे। उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मंत्री के रूप में उल्लेखनीय सेवाएं दी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री बघेल ने पूर्व मंत्री बलिहार सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि, वे मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने पूर्व सांसद स्वर्गीय रजनीगंधा देवी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने सांसद और विधायक के रूप में क्षेत्र के लोगों की सेवा की। मुख्यमंत्री ने भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ के शहीद जवान गणेश कुंजाम सहित सभी शहीद जवानों, नक्सल हिंसा में मृत जवानों और कोरोना से मृत लोगों को भी श्रद्धांजलि दी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्व. जोगी कुशल प्रशासक और राजनीतिज्ञ थे। हिन्दुस्तान की राजनीति में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।

छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। कौशिक ने दिवंगत पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसद और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन में विधानसभा के सदस्य धर्मजीत सिंह, केशव चंद्रा, अजय चंद्राकर, अमरजीत भगत, कवासी लखमा, मनोज मंडावी, बृजमोहन अग्रवाल, शैलेश पाण्डेय, डॉ.रमन सिंह, टीएस सिंहदेव, मो.अकबर, नारायण चंदेल, अमरजीत भगत, रविन्द्र चौबे ने भी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी। डॉ. रेणु जोगी ने स्व.जोगी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी।

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