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जिला प्रशासन के निर्देशो के चलते चिंता में है मिट्टी की मूर्ति बनाने वाले कलाकार

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बागबाहरा –   सरकारी फरमानों के आगे सार्वजनिक स्थलों पर मूर्ति बैठाने वाले सदस्य मायूस हो गए है कोरोना संकट के चलते मूर्तियों एवं मिट्टी के बर्तनों के खरीदार नही मिल रहे  जिसके चलते मूर्तिकारों को मूर्तियों के लागत निकालने के लिए भारी मसक्कत करना पड़ रहा  है ।महासमुन्द जिला प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से गणेश जी की मूर्तिया बैठाने के लिए  नए दिशा निर्देश जारी किए है जिसमे 10 फिट के पंडाल में भगवान गणेश की मूर्ति 4 फिट से अधिक न हो वही सभी पंडालों में सीसीटीवी कैमरे सहित पंडाल में आने जाने वाले श्रद्धालुओं के नाम पते का ब्यौरा रखने के निर्देश दिए है जिनके चलते अधिकतर सामिति इस वर्ष सार्वजनिक रूप से  गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना नही कर रही है जिनके चलते मूर्तिकारों के ऊपर भारी संकट गहरा रहा है मूर्तिकारों का कहना है कि इस वर्ष बनी मूर्तियों के लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल है  । बतादे की छत्तीसगढ़ में तीज और पोला के पर्व सहित गणेश चतुर्थी एवं नवरात्रि ही मूर्तिकारों का सीजन होता है जिसमे यह मूर्तिकार अपना साल भर के लिए कमाई कर लेते है लेकिन इस वर्ष यह कमाई भी तो क्या मूर्तियों सहित मिट्टी के समान लागत मूल्य भी निकलना दुर्भर हो रहा है  । बतादे की कोरोना संकट काल के चलते मार्च माह से ही लॉक डाउन की प्रक्रिया चालू हो गई थी जिसके चलते सामानों के मूल्यों में काफी वृद्धि हुई है वही जबकि मूर्तिकारों द्वारा मूर्ति बनाये जाने का काम भी 3 माह पूर्व ही होता है लेकिन लॉक डाउन के चलते मूर्तिकार कम मात्रा में मूर्ति बना रहे वही  अब मूर्ति खरीददारों में भी कमी आ गई है । छत्तीसगढ़ के पर्व तीजा – पोला , गणेश चतुर्थी नवरात्रि में ही मूर्तिकारी एवम कुम्हारों का मुख्य सीजन होता है लेकिन मूर्तियों के ऑर्डर नही मिलने से कुम्हार एवं मूर्तिकार चिन्तित दिखाई दे रहे है।*हीरालाल चक्रधारी (मूर्तिकार) -*  कोरोना संकट के कारण मार्च माह से ही बाजार बंद है जिसके चलते सभी सामानों के मूल्य बढ़े हुए वही कोरोना के चलते लोग घरों में भी मूर्ति लेने नही आ रहे है बीते वर्षों की भांति इस वर्ष मूर्तिकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है ।*लोकेश्वर चन्द्राकर (अध्यक्ष मित्रमंडल गणेश उत्सव सामिति) -* शासन द्वारा कोरोना संकट काल के चलते कठोर दिशा निर्देश जारी किए गए है जिसके कारण नगर में इस वर्ष नही के बराबर मूर्तिया विराजित होंगी । प्रत्येक वर्ष नगर के मुख्यमार्ग में लगभग दर्जनों मूर्तिया स्थापित होती थी लेकिन इस वर्ष एक भी पंडाल नही लग रहा है । प्रशासन से अपील करता हु ही गणेश चतुर्थी  हिंदुओ का एक बड़ा पर्व है जिसमे मूर्ति स्थापना के लिए शिथिलता होनी चाहिए ।
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