प्रांतीय वॉच

का एक करोड़ 15 लाख रुपये बकरी पालन इकाई स्थापना कार्य के नाम पर चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट

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बैकुंठपुर(दिलीप पाण्डेय) जिले में एक करोड़ पन्द्रह लाख रुपये की लागत से बकरी पालन इकाई स्थापना कार्य मे हुये व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा इन दिनों जोरो पर है।डीएमएफ की राशि से जिले के अलग अलग विकासखंडों में समुहों के माध्यम से कुल छः समुहों को अनुदान स्वरूप बकरी पालन इकाई की स्थापना करने राशि प्रदान की गई थी लेकिन आज समूहों के पास बकरी पालन के नाम पर सिर्फ कुछ समुहों में गिनती के ही बकरियां बचीं है। बकरी पालन इकाई के नाम पर जिला खनिज संस्थान न्यास की राशि का जमकर भ्रष्टाचार हुआ है नजीता आज समूहों के पास बकरी का बाल भी नही बचा है।

उल्लेखनीय है कि कोरिया जिले में वर्ष 2017 में जिले के पांचो विकासखंड जिसमे सोनहत के कटगोड़ी,बैकुंठपुर विकासखण्ड के बरबसपुर, खड़गवां विकासखंड के बरदर, मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के अमृतधारा एवं लाई और भरतपुर विकासखण्ड के उचेहरा में समुहों को डीएमएफ से बकरी पालन इकाई स्थापना कार्य के लिए प्रत्येक समुह को 19 लाख रुपये कार्यान्वयन एजेंसी के माध्यम दिया गया था।ताकि समूह के माध्यम जुड़े लोगों को बकरी पालन से अतिरिक्त आमदनी कर सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएमएफ शाखा ने इस कार्य के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सलका बैकुंठपुर को अपना एजेंसी नियुक्त किया था।सोनहत विकासखंड के कटगोड़ी में प्रेरणा स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि उनको इस बकरी पालन के लिए सेड बनाकर कृषि विज्ञान केंद्र सलका बैकुंठपुर एजेंसी द्वारा बकरी पालन के लिए अनुदान में सेड बनवाकर बकरा बकरी मिलाकर 60 की संख्या में अनुदान स्वरूप दिया गया था।समूह के महिला सचिव ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए कुल लागत राशि उन्हें एजेंसी द्वारा लगभग 10 लाख रुपये ही बताया गया था जबकि जिला खनिज मद से इस योजना के लिए प्रत्येक समूह को लगभग 19 लाख स्वीकृत हुए हैं।दो वर्ष से 60 बकरा बकरियों में आज समूह के पास गिनती के मात्र आधा दर्जन ही बकरियां बचे है।वही खड़गवां विकास खण्ड के बरदर में संचालित नित्या स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि उन्हें बकरी पालन के संम्बंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नही है और न ही उन्हें कोई बकरी अनुदान में मिला है लेकिन जिला खनिज न्यास मद से उक्त समूह को भी 19 लाख रुपये बकरी पालन के नाम पर जारी कर दिया गया है।

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