*धनोरा पुलिया बना क्षेत्र के कई गांव के सैकड़ों लोगों के लिए विपदाओं का सबब* ।
( बीजापुर ब्यूरो)| जिले भर के किसान जून जुलाई दोनों महिनों में अल्प मात्र में हुई बारिश से किसान धान बुआई करने एवं रोपा लगाने को लेकर बेहद चिंतित किसान आसमान ताक रहें थें । किसानों की मानें तो अल्प बारिश से सरकार से लिए लाखों रुपए के कर्ज़ में डूबने का कतरा किसानों पर मंडराने का अंदेशा बना हुआ था। लेकिन इंद्रदेव के मेहरबानी से बरखा विगत कुछ दिनों से लगातार आफ़त बनकर बरस रही मूसलाधार बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आई है। इससे धान की फसल खेतों में लगा रखी हैं, उनके लिए वरदान बन कर बरस रही बारिश फायदेमंद साबित होगी। ग्रामीण अंचलों में गुजर बसर करने वाले आमजनों का जनजीवन मूसलाधार बारिश से अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश से तापमान में गिरावट आने से मौसम ठंडा हो गया और ठंडक आना शुरू हो गई है। बता दें कि कोविड 19 कोरोना वायरस से आर्थिक स्थिति एवं व्यापारियोंं की व्यवसाय भी प्रभावित हुआ उपर से अनवरत हो रही बारिश की वजह से बाजार में माहौल शांत थम सा गया। नगर की सड़कें विरान में तब्दील हो चुकी हैं। नदी नाले उफान पर रहने से जिले भर के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग जरुरत मंद कामों को लेकर नदी नालों में तेज रफ्तार से बहती पानी के वजह से लोगों का मुख्यालय आना जाना मुश्किलों भरा हो गया । मुख्यालय से महज पंद्रह किमी दूर स्थित धनोरा और बोरजे के मध्य बहने वाला नाले में दशकों बाद बनाए गया पुलिया का उंचाई सड़क से कापी निचले स्तर में होने के वजह से बारिश का पानी पुलिया के सतह से कई फीट उपर और तकरीबन दो सौ मीटर की दूर से फैला हुआ वहीं बाढ़ का पानी पुलिया से तेज रफ्तार के साथ बहता हैं। इस कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं ।जिससे लोगों को आवाजाही में हर साल बारिश के दौरान पुलिया तकरीबन पंद्रह बीस गांव के सैकड़ों लोगों के लिए विपदाओं का सबब बन जाता हैं । इस लिहाज़ से 2018 ,2019 में धनोरा चौक से लेकर तोयनार तक बीस किमी डामरीकरण सड़क निर्माण के समय तत्कालीन सरकार एवं प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से दशकों साल पुराना पुलिया को तोड़कर नया पुलिया निर्माण कराने के संदर्भ में कई दफे गुहार लगाया गया। बावजूद इसके बाढ़ के दौरान क्षेत्र के लोगों को होने वाले विपदाओं के मद्देनजर जायज मांग की लेकिन हर बार उन्हें मांग से मायूसी होना पड़ रह हैं ।