मुंबई |पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत की तफ्तीश लगभग पूरी कर ली है. पोस्टमार्टम की डिटेल रिपोर्ट भी पुलिस को मिल चुकी है. पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों की राय भी पुलिस जान चुकी है. और तो और जिस कमरे से सुशांत की लाश मिली थी, उस कमरे, पंखे, बेड और फंदे की ऊंचाई, गहराई भी पुलिस नाप चुकी है. बस फाइनल रिपोर्ट से पहले वो विसरा की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. जो अगले एक-दो हफ्ते में आने वाली है। पुलिस की तफ्शीश का नतीजा- खुदकुशी. मौका-ए-वारदात से मिले सबूतों का इशारा- खुदकुशी. अब तक की पुलिस पूछताछ का हासिल- खुदकुशी. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर उनके फैंस और उनके चाहने वाले चाहे जो भी कहें, जितने भी सवाल उठाएं, मगर मुंबई पुलिस अब तक की तफ्तीश के बाद इसी नतीजे पर पहुंची है कि सुशांत सिंह की मौत के पीछे कोई साजिश नहीं है. बल्कि ये खुदकुशी का एक सीधा-साधा मामला है.हालांकि मुंबई पुलिस ये भी जानती है कि ये मामला हाई प्रोफाइल है. लिहाजा, इस नतीजे पर पहुंचने से पहले उसने हर पहलू से मामले की जांच की. बकौल मुंबई पुलिस जांच के दौरान कुछ चीजें ऐसी आईं जिसके बाद शक की कोई गुंजाइश ही नहीं बची. तो आइए, सबसे पहले उन वजहों को जानते हैं जिनकी वजह से मुंबई पुलिस इसे खुदकुशी मान रही है.जिस कमरे में सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई, उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. इस बात की गवाह सुशांत के घर में मौजूद उनके तीनों मुलाजिम और दोस्त के अलावा खुद सुशांत की वो बहन भी हैं, जो मुंबई में रहती हैं. पुलिस के मुताबिक सुशांत की बहन जब सुशांत के घर पहुंचीं, तब उन्होंने भी दरवाजा खोलने की और खुलवाने की काफी कोशिश की. दरवाजा खोलने के लिए जब डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले मैकेनिक को बुलाया गया और जब उसने दरवाजा खोला तब भी सुशांत की बहन वहीं पर मौजूद थीं. दरवाजे और ताले की तकनीकी जांच में भी ये पाया गया कि दरवाजे के लॉक या दरवाजे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. दरवाजा अंदर से ही बंद था. इसका मतलब ये हुआ कि कमरे के अंदर सुशांत अकेले थे और अंदर से दरवाजा उन्होंने ही बंद किया था.जिस कमरे में सुशांत की मौत हुई, उस कमरे में लगे सीलिंग फैन मोटर और कमरे में मौजूद बेड के बीच का कुल फासला 5 फीट 11 इंच था. जबकि सुशांत की हाइट 5 फीट 10 इंच थी. यानी बेड पर खड़े होने के बाद सुशांत और पंखे के बीच सिर्फ 1 इंच का फर्क रह जाता है. सुशांत की बहन, ताला बनाने वाला और घर में मौजूद तीनों मुलाजिम और दोस्तों के मुताबिक जब कमरे का दरवाजा खुला तो सुशांत की लाश बेड के दूसरी तरफ यानी बेड के किनारे हवा में झूल रही थी. यानी सुशांत की लाश न तो बेड पर थी और ना ही उसके पैर बेड की तरफ थे. बेड के दूसरी तरफ जहां सुशांत की लाश झूल रही थी, वहां से पंखे की दूरी और ऊंचाई 8 फीट 1 इंच थी.फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और पुलिस के मुताबिक पंखा और बेड के बीच जितनी ऊंचाई थी, उस ऊंचाई पर सुशांत अपने दोनों हाथ उठा कर आसानी से पंखे पर गांठ बना सकता था. चूंकि बेड और पंखे के बीच का फासला और सुशांत की हाइट दोनों में महज एक इंच का फर्क था. इसीलिए फंदा गले में डालने के बाद सुशांत बेड की दूसरी तरफ दोनों पैर फेंक कर हवा में झूल गया. पुलिस के मुताबिक मौका-ए-वारदात से जो तस्वीर ली गई है और एक्सपर्ट्स ने जो कमरे का मुआयना किया है, उसमें साफ है कि सीलिंग फैन बेड के बीचों बीच नहीं लगा हुआ था. इसीलिए पंखे के नीचे बेड के दूसरी तरफ काफी गैप था.