रायपुर | कन्फेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र दोशी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों और बॉलीवुड और क्रिकेट की मशहूर हस्तियों से अपील करने के बाद कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और भारत के 50 अन्य उद्योगपति को पत्र भेजकर राष्ट्र एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इस अभियान में उनसे जुड़ने का आग्रह किया । कैट ने भारतीय सामान – हमारा अभिमान के नाम से चीनी सामानों का बहिष्कार का एक अभियान गत 10 जून, 2020 को यह राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया है।
मुकेश अम्बानी के अलावा कैट ने उद्योगपति रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता हर्ष मरीवाला, पंकज पटेल आदी से सहयोग का आग्रह किया है ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने मुकेश अंबानी सहित उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है । कैट ने श्री अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा की यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा, इस दृष्टि से देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी ।
श्री पारवानी ने कहा कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है अर्थात तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद और कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है जिसके अंतर्गत लगभग 3000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं । उन्होंने आगे कहा कि कैट के राष्ट्रीय अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था और यह दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा। इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योग, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा और एक समग्र नीति के अंदर भारत में कच्चे माल, स्पेयर पार्ट्स और प्रौद्योगिकी संचालित वस्तुओं से संबंधित वस्तुओं के निर्माण को भारत में ही शुरू करने के लिए सरकार से आग्रह करेगा ।
श्री पारवानी ने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे । उन्होंने कोविड से लड़ने के लिए देश में ही अनेक वस्तुओं के उत्पादन का उदहारण देते हुए कहा की के उत्पादन के लिए एक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण का उदाहरण दिया और कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दो महीने के बहुत कम समय में कोरोना से संबंधित पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क और अन्य वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं तो फिर हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक दृढ़ संकल्प जरूरी है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जा सके । वर्तमान में उपभोक्ताओं के खरीद व्यवहार में एक बड़ा बदलाव आया है और अब उपभोक्ता भी चीनी सामान की अपेक्षा भारतीय सामन खरीदना ज्यादा पसंद करने लगे हैं जो कैट के भारतीय सामान -हमारा अभिमान के अभियान की मुख्य धुरी बनेगा।
श्री पारवानी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन की सेना ने सबसे गुप्त तरीके से लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना पर बर्बर हमला किया है, जिसके परिणाम स्वरूप देश के 20 बहादुर बेटों की नृशंस हत्या हुई है। प्रत्येक भारतीय चीन के अत्याचारों के प्रति गहरी नाराजगी, आक्रोश और घृणा कर रहा है और चीन के प्रति उनका विरोध लगातार तीव्र होता जा रहा है । आज प्रत्येक भारतीय का खून प्रतिशोध की भावना के साथ उबल रहा है और इसलिए जहाँ भारत की सेना चीन से सैन्य रूप लड़ेगी वहां भारतीय व्यापारी और भारत के लोग अब चीन से आर्थिक युद्ध लड़ेंगे |