रायपुर :बस स्टैंड शिफ्ट होने के बाद खाली पंडरी स्टैंड की करीब 14 एकड़ जमीन पर थोक कपड़ा मार्केट बसाने के लिए कारोबारियों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां थोक बाजार शिफ्ट करने के लिए दुकानें बनाई जाती है तो सभी दुकानें तत्काल खरीद ली जाएंगी और शासन की गाइडलाइन के अनुसार जो भी कीमत तय की जाएगी, उसे देने के लिए कारोबारी तैयार हैं।
रायपुर नगर निगम पहले यहां पर थोक कपड़ा मार्केट बसाने की प्लानिंग कर चुका था, लेकिन बाद में सराफा कारोबारियों ने भी जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के लिए शासन से पंडरी की जमीन मांगा है, जिसके बाद मामला लंबित हो गया है। पंडरी बस स्टैंड की बेशकीमती जमीन पर कौन सा बाजार बसाया जाए, यह शासन को तय करना है।
पंडरी कपड़ा मार्केट के थोक कारोबारी यहां पर थोक बाजार बसाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह जगह उनके कारोबार के लिए मुफीद है। पुराना पंडरी कपड़ा मार्केट इससे लगा हुआ है। यहां थोक मार्केट बसाने से कपड़ा कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी। पंडरी थोक कपड़ा मार्केट के अध्यक्ष चंदर विधानी ने कहा कि पंडरी मार्केट से लगे हुए क्षेत्र में बड़ी संख्या में थोक कारोबारी मकान खरीदकर कारोबार कर रहे हैं या फिर मकानों को किराए पर लेकर व्यवसाय चला रहे हैं।
बस स्टैंड की जमीन पर थोक कपड़ा मार्केट बसाया जाता है तो कारोबारियों को मार्केट से लगे हुए रिहायशी इलाकों की तरफ दुकान खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। थोक और चिल्हरा कारोबार भी अलग-अलग हो जाएगा। बस स्टैंड की जमीन पर थोक और पुराने मार्केट में चिल्हर कारोबार होगा। इससे बाजार व्यवस्थित और सुविधाजनक होगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा गया है। महापौर एजाज ढेबर से भी मांग की गई है कि जल्द से जल्द इस प्रकरण का निराकरण कराएं, ताकि व्यापारियों की दिक्कतें दूर हो।
इसलिए उलझ गया है मामला
नगर निगम ने पंडरी बस स्टैंड की जमीन पर थोक कपड़ा मार्केट बनाने के लिए नापजोख और सीमांकन इत्यादि की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसी बीच सराफा एसोसिएशन ने भी मुख्यमंत्री के सामने यहां पर जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनाए जाने की मांग रख दी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने कहा कि पंडरी देवेंद्र नगर में जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क का प्रस्ताव है, लेकिन वहां जगह को लेकर विवाद है। पार्क का यह प्रस्ताव काफी वर्षों से लंबित है। इसलिए पंडरी की जमीन पर यह पार्क विकसित की जा सकती है। दोनों संघों की ओर से प्रस्ताव आने के बाद मामला फिलहाल शासन के पास विचाराधीन है। दोनों संघ अपने लिए मजबूती से दावा कर रहे हैं।