- कुछ दिनों पहले ही इस अख़बार ने बसंत साहू के ना पकड़े जाने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था
- एक सप्ताह के अंदर लैंप्स प्रबंधक को पीढ़ापाल से नहीं हटाया गया तो क्षेत्र के ग्रामीण विशेषकर किसान उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे
- पीड़ापाल लैंप्स प्रबंधक का पुतला भी दहन किया गया ग्रामीणों द्वारा
अक्कू रिजवी/ कांकेर : कांकेर से कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम पीढ़ापाल के लैंप्स शाखा प्रबंधक को हटाने की मांग करते हुए गांव के किसानों तथा अन्य ग्रामीणों ने ज़िला उत्तर बस्तर कांकेर के कलेक्टर को ज्ञापन दिया है कि यदि एक सप्ताह के अंदर लैंप्स प्रबंधक को पीढ़ापाल से नहीं हटाया गया तो क्षेत्र के ग्रामीण विशेषकर किसान उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी क्योंकि पहले भी अनेक बार यही मांग की जा चुकी है जिस पर जिला प्रशासन ने कुछ भी ध्यान नहीं दिया था। ज्ञातव्य है कि पीढापाल की लैंप्स शाखा प्रबंधक पद पर बसंत कुमार साहू बरसों से विराजमान हैं और अपने भ्रष्टाचार तथा ग्राम वासियों से दुर्व्यवहार के लिए बहुचर्चित हैं । इनकी अनेक बार मौखिक शिकायत विभिन्न उच्च अधिकारियों से की गई किंतु आश्चर्यजनक ढंग से बसंत साहू वहां से हटाए जाने से बचते रहे हैं और उनका हौसला बढ़ता जा रहा है । शासन द्वारा अपनी ही नीति के विरुद्ध बरसों से बसंत साहू को इसी ग्राम में लैंप्स प्रबंधक के रूप में क्यों बरकरार रखा गया है यह ग्रामीणों तथा किसानों की समझ से परे है। इसलिए इस बार ग्राम पंचायत में बाकायदा बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि बसंत साहू को यहां से अन्यत्र हटाने के लिए जिला कलेक्टर से मांग की जाए और मांग पूरी ना होने की दशा में आंदोलन हेतु तैयार रहा जाए । इस आशय का ज्ञापन तैयार कर ग्राम वासियों ने आज 13 अक्टूबर को कलेक्टर महोदय को सौंप दिया है । अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भी बसंत साहू पीढ़ा पाल से हटते हैं अथवा नहीं….?