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बिलासपुर। रेलवे की ट्रेनबंदी का गुस्सा अब लोगों में दिखने लगा है। प्रदेश में कोयला ढुलाई के नाम पर यात्री ट्रेनों को रद्द करने के आदेश के खिलाफ अब लोग सड़क पर उतरने लगे हैं। बिलासपुर में बुधवार का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला है। यहां रेल मंत्री का पुतला फूंका गया और चेतावनी दी गई है कि यदि यात्री ट्रेनों को बहाल नहीं किया जाता तो कोयला ढुलाई में लगे गूड्स ट्रेनों को रोका जाएगा। इधर इस मामले में कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत ने भी रेलमंत्री को पत्र लिखा है।
बता दें रेलवे द्वारा बीते एक माह से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 36 प्रमुख ट्रेनों को रद्द किया हुआ है। कोयला परिवहन के नाम पर रेलवे बोर्ड के निर्देश से यह बंदी की गई है। एक माह तो लोगों ने संयंम रखा लेकिन एक माह बीतने के बाद इन ट्रेनों को बहाल किए जाने की जगह रेलवे ने इनकी कैंसिलेशन एक माह के लिए बढ़ा दी। गर्मी की छुट्टी मनाने कई लोग प्रदेश के बाहर हैं ऐसे में ट्रेनों के रद्द होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केन्द्रीय मंत्री का जलाया पुतला
बुधवार को छात्र युवा नागरिक जोन संघर्ष समिति नेतृत्व में बिलासपुर के तारबाहर चौक पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का पुतला फूंका गया। इस दौरान समिति के लोगों ने बंद की गई ट्रेनों को तत्काल शुरू करने की मांग की। समिति ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कोयला परिवहन के नाम पर आम लोगों को परेशान कर रही है। समिति के पदाधिकारियों ने ट्रेनें बहाल नहीं किए जाने पर कोयला लदान रोकने की चेतावनी दी है।
कोरबा सांसद ने लिखा रेल मंत्री को पत्र
इधर इस मामले में बुधवार को कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर यात्री ट्रेनों को रद्द किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी तादात में यात्री ट्रेनों को रद्द किया जाना जनभावना के विरुद्ध है। इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा है कि जनभावना को देखते हुए रद्द की गई ट्रेनों को बहाल कर यात्री सुविधाओं को बढ़ाया जाए।
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