भोपाल
प्रदेश में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस अभी से पूरी ताकत से जुट गए हैं। भाजपा के लिए जहां आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने 7 मोर्चा और 17 प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोर्चा और प्रकोष्ठों की भी अहम भूमिका है। उन्हें अपने-अपने मोर्चा और प्रकोष्ठों से संबंधित लोगों के बीच पहुंचना होगा और सरकार की योजनाओं का वे ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें, इसके प्रयास करना होंगे। भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार जनता के हित में लगातार काम कर रही है, हमारी योजनाएं जनता के हितों में हैं। जो लोग इन योजनाओं का लाभ लेने के पात्र हैं, उन तक यह योजना पहुंचे। इसका प्रयास संगठन की ओर से भी होना चाहिए।
वहीं वीडी शर्मा ने कहा कि मोर्चा और प्रकोष्ठों के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सभी को आगे पूरी मेहनत के साथ काम करना है। संगठन को मजबूत करना है। बैठक में सभी मोर्चा और प्रकोष्ठों के प्रदेश पदाधिकारियों ने एक साथ ही रिपोर्ट संगठन के सामने रखी है। इसके साथ ही उनके काम की भी समीक्षा की गई। वहीं इन सभी से आने वाले एक साल का प्लान भी मांगा गया था।
संगठन के चुनाव में जुटी कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव करवाने भोपाल पहुंचे डीआरओ (जिला निर्वाचन अधिकारी)को आज ट्रैनिंग दी गई। इससे पहले उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के चुनिंदा पदाधिकारियों और प्रदेश रिटनिंग अफसर ने बैठक भी की। प्रदेश कांग्रेस में इस महीने से जिलों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
डीआरओ को बताया गया कि उन्हें जिलों में जाकर बूथ से लेकर जिला संगठन तक के चुनाव करवाने हैं। इस दौरान उन्हें क्या-क्या नियमों का पालन करना होगा। साथ ही यह भी बताया गया कि स्थानीय नेताओं के किसी भी तरह के उन्हें दबाव में आने की जरुरत नहीं है। उन्हें निष्पक्ष होकर चुनाव करवाना होंगे। जुलाई तक बूथ, ब्लॉक से लेकर जिलों तक के चुनाव होना है। इसके बाद अगस्त में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होगा। इससे पहले जिलों से प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि और एआईसीसी के प्रतिनिधियों का भी चयन डीआरओ को करवाना है। प्रदेश कांग्रेस में 63 जिले हैं। इन सभी के डीआरओ अप्रैल में बना दिए गए थे। जिन्हें आज ट्रैनिंग के लिए भोपाल बुलाया गया था। सभी डीआरओ मध्य प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों के कांग्रेस नेता हैं।

