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निजी स्कूल की अपेक्षा सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने लोगो की भीड़

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(प्रकाश उपाध्याय)बालोद-निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी आत्मानंद स्कूल आमापारा में प्रवेश के लिए होड़ ज्यादा है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते है कि आत्मानंद स्कूल में कक्षा एलकेजी से 8वीं तक प्रवेश के लिए निर्धारित सीट की तुलना में 8 से 18 गुना ज्यादा आवेदन मिले है। जबकि 166 निजी स्कूलों में जितनी सीटें निर्धारित है, उससे कम आवेदन मिले है। जिसकी पुष्टि शिक्षा विभाग ने की है।शुक्रवार को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय आमापारा में सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए पालकों की मौजूदगी में लॉटरी सिस्टम से बच्चों का चयन किया गया। प्राचार्य एल. तुली ने बताया कि कक्षा एलकेजी से 8वीं तक कुल 140 सीट के लिए 1407 आवेदन मिले थे। जिसमें वेरिफिकेशन के बाद 967 पात्र एवं 440 अपात्र हुए। चयनित विद्यार्थियों की सूची 10 मई को विद्यालय के सूचना पटल पर चस्पा किया जाएगा। एलकेजी के अलावा कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक निर्धारित सीट की तुलना में ज्यादा आवेदन आने की स्थिति में लॉटरी निकालने की नौबत आई।50 फीसदी सीट बेटियों के लिए आरक्षित 25% बीपीएल, 25% सामान्य के लिए
शिक्षा विभाग व स्कूल प्रबंधन के अनुसार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 50% सीट बालिकाओं के लिए आरक्षित है। वहीं 25% बीपीएल और 25% सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। इसी हिसाब से लॉटरी निकाली गई थी। आमापारा के अलावा अन्य सरकारी आत्मानंद स्कूलों में भी ज्यादा आवेदन आने की स्थिति में लॉटरी सिस्टम से ही बच्चों का चयन किया जाएगा। जिसके बाद दस्तावेज के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। वहीं निजी स्कूलों में जो 25% सीट निर्धारित है, वह बीपीएल बच्चों के लिए ही आरक्षित है। जून में नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत होगी। इसके पहले प्रक्रिया पूरी कराने के निर्देश दिए है।

आखिर ऐसा क्यों- निजी की तुलना में सरकारी में लोगों का रुझान ज्यादा

शिक्षा के अधिकार के तहत प्रवेश के लिए हर साल शिक्षा विभाग शासन स्तर के अलावा विभागीय लेटलतीफी होती है। आवेदन जमा करने की प्रक्रिया मई तक हो जाती है, लेकिन एडमिशन के लिए बच्चों का चयन, सूची जारी होने की कार्यवाही नया सत्र शुरू होने के बाद होती है। इस स्थिति में पालक वर्ग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में ही दाखिला दिला देते है। वहीं आरटीई में प्रवेश सिर्फ बीपीएल बच्चों को दिया जाता है। इस स्थिति में निजी स्कूलों में बच्चों के लिए आरक्षित अधिकांश सीटें खाली रह जाती है। वहीं स्वामी आत्मानंद स्कूल में एडमिशन के लिए सभी प्रक्रिया नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद हो जाती है।

आरटीई की सीटों में प्रवेश के लिए 15 तक मौका

जिले के 166 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार के तहत नर्सरी, केजी-1 और कक्षा पहली के लिए कुल 1936 सीट निर्धारित है। जिसके लिए अब तक 1012 आवेदन ही मिल पाए है, यानी निर्धारित सीट की तुलना में 924 कम। हालांकि किस कक्षा के लिए कितने आवेदन मिले है, यह 15 मई के बाद मालूम हो पाएगा। ऐसा शिक्षा विभाग के अफसर व कर्मचारी कह रहे है।जिन्हें शिक्षा के अधिकार के तहत पात्र बच्चों को प्रवेश दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। बहरहाल निजी स्कूलों में निर्धारित सीट में प्रवेश के लिए आँनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित है। शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि 15 मई तक 200-300 आवेदन और आ सकते है। इस लिहाज से भी न्यूनतम 1200-1300 आवेदन जमा हो पाएंगे। जो निर्धारित सीट की तुलना में कम ही है।

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