नई दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाने का ऐलान किया है। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट बढ़कर 4.40 फीसदी हो गया, रेपो रेट में बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है,नीतिगत दरों में बढ़ोतरी से होम लोन, ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे जाएंगे,आम आदमी पर ईएमआई (EMI) का बोझ बढ़ जाएगा।
आरबीई ने 2 मई से 4 मई को अनशेड्यूल बैठक की है,इस बैठक में एमपीसी ने सर्वसम्मति से दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया, आरबीई ने सीआरआर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की हैः
आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो और सीआरआर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया है. कैश रिजर्व रेश्यो 0.5 फीसदी बढ़कर 4.50 फीसदी हो गया।रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है,दास ने कहा, CRR बढ़ने 87,000 करोड़ रुपए लिक्विडिटी वापस आएगी।
आज से पहले 2018 में हुई थी बढ़ोतरी
RBI ने अगस्त 2018 के बाद पहली बार दरें बढ़ाई है. 11 पॉलिसी बैठक से दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. मई 2021 के बाद CRR में पहली बार बढ़ोतरी हुई है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी से कैसे बढ़गी सभी के जेब पर असर
रेपो रेट में बढ़ोतरी से लोन की ईएमआई बढ़ जाती है,जिस तरह हम अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से लोन लेते हैं, ठीक उसी तरह बैंक भी अपनी जरूरतों के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेता है,रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है,अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो बैंक द्वारा आपको मिलने वाले लोन जैसे- होम लोन, कार लोन, पर्सलन लोन भी महंगा हो जाता है।