महाराष्ट्र की राजनीति में वार-पलटवार का दौर जारी है। लाउडस्पीकर हटाने को लेकर उठे विवाद में राज ठाकरे मुखर हो गए हैं। उन्होंने राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यूपी में लाउडस्पीकर हट सकते हैं तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर धार्मिक मुद्दा नहीं है। इसे धार्मिक मुद्दा बनाएंगे तो हम भी जवाब देंगे। मैं कहीं दे नहीं भड़काना चाहता। लाउडस्पीकर एक सामाजिक मुद्दा है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए दी गई तीन मई की समय सीमा के बाद जो कुछ भी होगा, उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा।’’ मनसे प्रमुख ने कहा कि चार मई से सभी हिंदू मस्जिदों के ऊपर के लाउडस्पीकर से दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा बजाएं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे (मुसलमान) अच्छे से नहीं समझते हैं, तो हम उन्हें महाराष्ट्र की ताकत दिखाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर का शोर धार्मिक, नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा है।
ठाकरे ने कहा कि सभी लाउडस्पीकर (मस्जिदों के ऊपर) अवैध हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह एक संगीत कार्यक्रम है जिसमें इतने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है? राज ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार लाउडस्पीकर हटा सकती है, तो उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को ऐसा करने से क्या रोक रहा है।राज ने कहा कि लगता है कि मेरी जनसभाओं से सरकार बौखला गई है। उन्होंने महाविकास अघाड़ी में शिवसेना की साथी पार्टी राकांपा और उसके नेता शरद पवार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “राकांपा प्रमुख ने मुझ पर आरोप लगाया था कि मेरे भाषण समाज को बांट रहे हैं, लेकिन मैं शरद पवार से कहना चाहता हूं कि जाति विभाजन के लिए आप ही जिम्मेदार हैं। शरद पवार अपने भाषणों में छत्रपति का एक भी शब्द नहीं बोलते।” वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने रविवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की।