प्रांतीय वॉच

सीटी स्कोर था 25/25 मतलब फेफड़ों की हालत बेहद खराब, वेंटिलेटर से बाहर आईं और अब स्टाफ के सपोर्ट से चल रही

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  • शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल में बेहतरीन इलाज से बेहद गंभीर मरीजों को भी मिल रही संजीवनी
  • गंभीर मरीजों में से चार मरीज जो वेंटिलेटर में रखे गए थे शनिवार को स्वस्थ होकर पहुंचे घर

तापस सन्याल/ दुर्ग : फोटो में दिख रहा दृश्य शंकराचार्य हाॅस्पिटल का है। यह जश्न का समय है शिवकुमारी के लिए भी और इनके इलाज के लिए पूरी तन्मयता से कार्य कर रहे चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स का। हो भी क्यों न, बेहद गंभीर हालत से जूझती हुई 54  वर्षीय साई नगर दुर्ग निवासी शिवकुमारी ने अपने मनोबल से और शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल के चिकित्सकों के शानदार ट्रीटमेंट से और स्टाफ नर्सों की लगातार माॅनिटरिंग से कोविड से बाहर आ गई है। जब उनका सीटी स्कैन कराया गया था तो इनका स्कोर था 25/25। यह बेहद गंभीर स्थिति होती है और केवल बेहद कुशल इलाज और माॅनिटरिंग से ही मरीज के जीवन के लिए संभावना बनती है। शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल के चिकित्सकों ने पूरी तन्मयता और गंभीरता से इलाज किया। आक्सीजन सपोर्ट दिया गया, वेंटिलेटर में भी रखना पड़ा। आज जब वो अपने पैरों पर खड़े हुईं और चुनिंदा कदम चली तो लगा कि मनोबल और अच्छे इलाज से हर गंभीर बीमारी का मुकाबला संभव है परिस्थिति कितनी ही खराब क्यों न हो। जब शिवकुमारी स्टाफ नर्स के सहारे खड़ी होकर चलने लगी तो उनके आंखों में आंसू थे और स्टाफ के मन में गहरी खुशी। सभी ने चीयरफुल मुद्रा बनाई, शिवकुमारी ने भी विक्ट्री साइन बनाया। यह बेहद कठिन क्षण था उनके लिए भी और स्टाफ के लिए भी। संकल्प और उचित मानिटरिंग के बूते चिकित्सकों ने यह कर दिखाया। शिव कुमारी की हेल्थ हिस्ट्री के मुताबिक दवाइयों का निर्णय लिया गया। उन्हें 26 सितंबर को भर्ती किया गया था और अब वे रिकवरी के मोड में हैं और जल्द ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। शंकराचार्य हॉस्पिटल में इलाज की मॉनिटरिंग कर रही डॉ सुगम सावंत ने बताया  कि चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स द्वारा लगातार की जा रही मॉनिटरिंग और सबसे अच्छा इलाज देने की कोशिश से मरीजों की रिकवरी तेज हो रही है। उन्होंने कहा कि इनके बेहतर स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग के लिए स्पेशलिस्ट डॉ. कौशल, डॉ. राजू माहूले एवं डॉ. बसंत चैरसिया की निगरानी में इलाज चल रहा है। इसके साथ मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रफुल्ल, डॉ. अभिलाष, डॉ. राजेन्द्र, डॉ. मयंक एवं आईसीयू के स्टाफ इनकी मॉनिटरिंग करते रहें। इन सबके समन्वय से बेहद गंभीर परिस्थितियों में जूझ रहे मरीजों को तेजी से रिकवरी मोड में लाया जा सका। चार गंभीर केस जिनमें रिकवरी हुई और अब सुकून से घर पहुंच रहे पेशेंट- शनिवार को चार गंभीर मरीज भी कोविड संक्रमण से मुक्त होकर घर पहुंच गये। इन सभी को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। विनोद हरदेव 38 साल के हैं इन्हें 25 सितंबर को एडमिट किया गया था, वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया। अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। अंजोरा मिंज 63 साल की पेशेंट हैं जिन्हें 21 सितंबर को भर्ती किया गया था। वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया और अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसी तरह तरुण सिंह और उत्तम कुमार 27 सितंबर को एडमिट हुए और पूरी तरह स्वस्थ हो कर शनिवार को घर चले गए।
बहुत अच्छा इलाज, पूरा ध्यान रख रहे स्टाफ- आज डिस्चार्ज होकर घर जा रहीं निर्मला चंद्राकर ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा इलाज मिला। भोजन भी अच्छा मिला। स्टाफ ने घर के सदस्य की तरह ख्याल किया। अब घर जा रही हूँ तो बहुत अच्छा लग रहा है। निर्मला वार्ड 13 दुर्ग की निवासी हैं उन्हें 30 सितंबर को एडमिट कराया गया था। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं।

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