दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच। कुछ लाख रुपये के चक्कर में किसी का राजनीतिक कैरियर कैसे खराब हो सकता है उसका उदाहरण आज देखने को मिला जब विधायक व झारखंड प्रदेश के कार्यकारी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को रांची के सीबीआई के विशेष अदालत ने तीन साल की सजा सुना दी। अब उनकी विधायकी पर भी तलवार लटक सकती है क्योंकि नियमानुसार दो साल से ज्यादा की सजा प्राप्त व्यक्ति विधायक नहीं बन सकता।
सोमवार को रांची के CBI के विशेष जज पीके शर्मा की अदालत ने जिस झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की को सजा दी है उनपर आय से छह लाख 28 हजार 698 रुपए अधिक अर्जित करने का आरोप है। CBI ने बंधु तिर्की के खिलाफ 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। 12 दिसंबर 2018 को बनहौरा स्थित आवास से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।16 जनवरी 2019 को बंधु तिर्की पर आरोप लगाया गया था।CBI दिल्ली ने बंधु तिर्की के मामले में जांच की और मई 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। इसमें कहा गया था कि तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति पाई गई है, लेकिन संपत्ति इतनी कम है कि इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पक्ष में नहीं हैं।