रायपुर। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि देश भर से 200 से अधिक फुटवियर ट्रेड लीडर्स आज नई दिल्ली में अपने दो मुख्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए। भारत में निर्मित सभी प्रकार के फुटवियर पर अनिवार्य बीआईएस मानकों को लागू करना और 12 प्रतिशत जीएसटी लगाना। इस सम्मेलन का आयोजन फ़ुटवियर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने किया । पूरे देश के फ़ुटवियर व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से कैट नेतृत्व को केंद्र सरकार से बात करने और इन दोनों मुद्दों पर राहत लेने का संकल्प लिया। पारवानी एवं दोशी ने बताया कि कैट ने कहा कि फुटवियर उद्योग द्वारा उठाई गई चिंताएं वाजिब हैं और कैट इस मामले को वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उठाएगी, जो देश के व्यापारियों को देश में उनके संरचित विकास में मदद करने में अग्रणी हैं।
फ़ुटवियर उद्योग जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए कैट ने कहा कि पहले के अनुसार एक हजार रुपये से कम कीमत के जूते पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगना चाहिए और एक हजार रुपये से अधिक पर 12 प्रतिशत के कर स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। इसी तरह, बीआईएस मानकों को भी उसी अनुपात में लागू किया जाना चाहिए। अपने तर्कों के समर्थन में, कैट ने कहा कि भारत विविधता का देश है जहाँ उपभोक्ता एक सामान्य व्यक्ति से लेकर सबसे संपन्न वर्ग तक हैं और हर प्रकार के सामान का खरीद व्यवहार उनके आर्थिक स्तर के अनुसार होता है और इसलिए उन्हें एक ही मापदंड से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है । इसलिए सभी को समान शक्ति प्रदान करने और किसी भी कर चोरी की संभावना को कम करने या नियमों और नीतियों का पालन करने के लिए तदनुसार कोई भी नीति या कर लगाया जाना चाहिए।