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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिव आराधना के साथ रामायण सत्संग की गंगा देवभोग में बही

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महेंद्र सिंह ठाकुर/ गरियाबंद देवभोग-…..महाशिवरात्रि के अवसर पर ग्राम देवभोग में रामायण सत्संग एवं राम चरित्र मानस व्याख्यान संगीत में कार्यक्रम किया गया । जिसमें सुरमई संध्या सांस्कृतिक मंच देवभोग के साथ पूरा देवभोग राम मय वातावरण मे रम गया था , कार्यक्रम में शाम 8 से रात 3बजे तक सब झूमते रहे श्री राम संकीर्तन का सभी श्रद्धालुओं ने रसपान करने बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। , कार्यक्रम में श्री शिव की महिमा के साथ शिव रात्रि को क्यों महाशिवरात्रि कहा जाता है इसपर भी चर्चा की गई , सबसे पहलेअतिथियो द्वारा शिव लिंग की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया , फिर भजन कीर्तन रात भर चलता रहा। , कार्यक्रम संयोजक लक्ष्मीनारायण अवस्थी एवं कार्यकर्ता बंधु कार्यक्रम को वृहद् करने हेतु दिन रात व्यवस्था में लगे रहे।
कार्यक्रम में सुरमई संध्या के सभी कलाकारों ने बहुत हाई सुंदर भजन प्रस्तुत कर रात भर सब को जोड़े रखे । मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस के नेता एवं समाजसेवी दुर्गा चरण अवस्थी, समाजसेवी जग्गु महाराज , समाजसेवी प्रश्नन तायल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवीअरुण मिश्रा ,बिजली विभाग के अधिकारी तिवारी जी पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रहे, विशेष सहयोगी के रुप में अशोक साहू ,घनश्यम प्रधान , विनोद गोयल ,अश्क बस्तरी का योगदान उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम के कलाकारों का स्वागत करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी लक्ष्मी नारायण अवस्थी ने कहा इस भौतिकवादी युग में भजन पूजन से आत्मा को असीम शांति मिलती है और प्रगति पथ पर इंसान आगे बढ़ता है ,प्रगति करता है। वही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और समाजसेवी दुर्गा चरण अवस्थी ने कहा महाशिवरात्रि पर्व शिव जी के माता पार्वती के साथ शादी का पर्व माना जाता है लेकिन यह अध्यात्म में हम कह सकते हैं पूरे ब्रह्मांड में आदिशक्ति और पूरे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए तांडव करने वाले महादेव और शक्ति पुण्य का देव स्वरूप मिलन हुआ। इसी क्रम में महादेव और राम के चरित्र का वर्णन करते हुए वरिष्ठ युवा कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवी अरुण मिश्रा ने कहा ब्रह्मा विष्णु महेश यह तीनों देव देवत्व के साथ ब्रह्मांड और मानव कल्याण के स्वरूप हैं जिसमें त्रेता युग में विष्णु जी ने राम का अवतार लेकर साधारण मानव स्वरूप दिखाते हुए रावण का वध किया और ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया की वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए महाशिवरात्रि शिव की भक्ति अद्भुत होती है जिस को कहा गया है सत्यम शिवम सुंदरम सत्य ही शिव है शिव ही सुंदर है हमें इसके लिए जाग जाना है पूरे विश्व का कल्याण इसी में है।

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