रायपुर वॉच

अपना जेब भरने मरीजों की जिंदगी से खेल रहे निजी अस्पताल, रायपुर के गायत्री हॉस्पिटल से सामने आया नया कारनामा

Share this

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कथित तौर पर कई मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल हैं, जहां स्वस्थ होने की उम्मीद लेकर मरीजों के परिजन सबकुछ दांव पर लगा देते हैं। लोगों की माली हालत की परवाह ना करते हुए ये कथित मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल अपनी जेब भरने के लिए मरीजों की जान और जिंदगी से खिलवाड़ करने में भी बाज नहीं आते। ताजा मामला डंगनिया स्थित गायत्री हॉस्पिटल से सामने आया है, जहां एक इंसान की जिंदगी को मजाक बनाया गया है।


मिली जानकारी के मुताबिक करीब चार साल पहले राजनांदगांव निवासी महिला पिंकी ख्याति के पैर की हड्डी टूट गई थी। उसके पैर में प्लेट लगाया गया था, लेकिन जब आराम नहीं मिला तो भरोसे के दम पर वे बीते 9 दिसंबर को गायत्री हॉस्पिटल रायपुर पहुंचे। जहां पर ऑपरेशन किया गया। इस दौरान लापरवाह डॉक्टरों ने पैर के भीतर ही नट छोड़ दिया।

परेशानी कम नहीं होने पर जब एक्स—रे कराया गया, तो नट छूटा हुआ मिला, जिसे फिर ऑपरेशन कर निकाला गया। यहां पर साफतौर पर लापरवाही गायत्री हॉस्पिटल की थी, उसके बावजूद मरीज से पूरा पैसा वसूल किया गया। मरता क्या ना करता, पिंकी के परिजनों ने हॉस्पिटल की उस अवैध कमाई का भी भुगतान कर दिया।

टूटी हुई ही मिली हड्डी

सबसे ज्यादा शर्मनाक हकीकत यह है कि ऑपरेशन के बहाने मोटी रकम वसूलने के बावजूद पिंकी का उपचार गायत्री हॉस्पिटल में सही तरीके से नहीं किया। ना तो उसे चलने में सहजता हुई और ना ही दर्द से राहत मिला। इसके बाद जब फिर से एक्स—रे कराया गया, तो वही हड्डी टूटी ही मिली।

केवल अवैध कमाई

राजधानी में एकमात्र गायत्री हॉस्पिटल ही नहीं, बल्कि इस तरह से कई निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, जहां पर उपचार के नाम पर उगाही तो जोरों पर होती है, पर सही मायने में उपचार कुछ भी नहीं होता है। बहरहाल इस मामले को पिंकी के परिजनों ने गायत्री हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर करने का तय कर लिया है।

आयुष्मान कार्ड से तौबा

देश में लोगों की स्वास्थ्य की परवाह करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत की शुरुआत की है, तो छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना संचालित की जा रही है, जिसका लाभ हर राशनकार्डधारी और आयुष्मान कार्डधारी ले सकता है। पर चौंकाने वाली सच्चाई यह है कि राजधानी के सभी निजी अस्पताल लोगों को इस सुविधा का लाभ लेने से वंचित रखना चाहते हैं। नाम लेते ही सुविधा नहीं मिलने की बात कह दी जाती है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *